

FIFA: दुनिया भर में फुटबॉल का संचालन करने वाली संस्था FIFA ने भारतीय फुटबॉल संघ (AIFF) पर लगे बैन को हटा दिया है। इसके साथ ही फीफा (FIFA) ने कहा है कि अंडर-17 विमेंस वर्ल्ड कप 2022 अब भारत में पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित होगी। भारत में इस टूर्नामेंट का आयोजन भुवनेश्वर, गोवा और मुंबई 11 से 30 अक्टूबर के बीच होगा।
बता दें कि 15 अगस्त को FIFA ने AIFF को बैन कर दिया था। FIFA के नियमों और संविधान के गंभीर उल्लंघन की वजह से यह कार्रवाई हुई थी। जिसकी वजह से अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 विमेंस वर्ल्ड कप की मेजबानी के अधिकार भी भारत से छीने गए थे।
क्यों लगा था बैन
AIFF के 85 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि फीफा (FIFA) ने AIFF को थर्ड पार्टी इन्फ्लुएंस की वजह से सस्पेंड किया था। AIFF ने 11 दिन यह सस्पेंशन झेला। FIFA, AIFF में बाहरी संस्था के हस्तक्षेप से नाराज चल रहा था। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खेल मंत्रालय ने AIFF के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को हटाकर कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (COA) को गठित किया था। FIFA ने इस पर नाराजगी जतायी और कहा- ‘वह थर्ड पार्टी के हस्तक्षेप को नहीं मानते हैं।
FIFA ने चेतावनी दी थी कि- ‘अघर भारत ने जल्द ही हस्तक्षेप बंद नहीं किया तो भारत से फीफा अंडर-17 विमेंस वर्ल्ड कप भी छीन सकता है।’
COA को सुप्रीम कोर्ट ने भंग किया
22 अगस्त को बैन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने अगले आदेश तक मई में बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (COA) को भंग करते हुए कहा कि COA अगले आदेश तक AIFF के मामलों में दखल नहीं दे पाएगी।
FIFA की तरफ से कहा गया कि- FIFA और AFC (एशियन फुटबाल फेडरेशन) हालात की मॉनिटरिंग को बंद नहीं करेंगे और समय पर चुनाव कराने में AIFF का सपोर्ट भी करेंगे।
प्रफुल्ल पटेल 2009 से AIFF के अध्यक्ष रहे थे। भारत के स्पोर्ट्स कोड के अनुसार कोई भी व्यक्ति 3 बार से ज्यादा अध्यक्ष नहीं हो सकता है। पटेल ने खुद को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद एक याचिका में मांग भी की थी कि जब तक नए संविधान को स्वीकार नहीं किया जाता और नए अध्यक्ष को नहीं चुन लिया जाता तब तक उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग को नहीं मानी।
कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (COA)
COA में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एआर दबे इस कमेटी के प्रेसिडेंट हैं। इसके अलावा, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली भी इस कमेटी में शामिल हैं।