Cyber security: थोड़ी सी सतर्कता बचा सकती है आपको आइडेंटिटी थेफ्ट के जाल से, जानें कैसे रहें सुरक्षित!




आइडेंटिटी थेफ्ट (identity theft) जुड़ा है पहचान की चोरी से। दरअसल यह तरीका है एक ऐसे ठगी का जिसमें किसी व्यक्ति की वित्तीय या निजी जानकारी का उपयोग किया जाता है। ज़्यादातर पैसों से संबंधित लूट के लिए इसके इस्तेमाल होता है। ठग किसी व्यक्ति की निजी जानकारी जैसे नाम, चेहरा, जन्म तारीख, पता या क्रेडिट और डेबिट कार्ड जैसी जानकारियों को चुराकर इनका इस्तेमाल कुछ ख़रीदारी, क्रेडिट कार्ड या मेडिकल हेल्थ बीमा लेने के लिए करता है। बढ़ते इंटरनेट के उपयोग से आजकल यह साइबर सिक्योरिटी का मुद्दा बन गया है। जानें कैसे बचें इनसे…..

पैसों से जुड़ा मामला और बचने के तरीके

ठगी का यह ज़रिया काफी आम बात है इसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की जानकारी वित्तीय फ़ायदा के लिए चुराता है, जैसे कि बैंक अकाउंट, क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पैसे चुराना या यूपीआई के ज़रिए खाता ख़ाली करना। या किसी और के नाम के डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके ख़रीदारी करने जैसा क्राइम करना।

सेक्योरिटी – अपने बिल बिल, स्टेटमेंट और बैंक खातों की जांच करते रहें। ठग छोटे-छोटे पैसों के लेन-देन से शुरुआत ठगी की शुरूआत करते हैं जिस पर खाता धारक का ध्यान कम जाता है या नहीं जाता। अगर आपकी नजर में कोई ऐसा लेन-देन आता है जो आपने नहीं किया तो बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी से तुरंत बात करें।

मेडिकल पहचान की ठगी

आपकी निजी जानकारी जैसे नाम, हेल्थ इंश्योरेंस अकाउंट नंबर या मेडिकेयर नंबर का इस्तेमाल भी ठगी के लिए किया जा सकता है। इससे ठग डॉक्टर से जांच, दवाई लेने, इंश्योरेंस पर दावा करने या कोई अन्य चिकित्सीय सेवा लेने के लिए उपयोग कर सकता

 सेक्योरिटी – मेडिकल दस्तावेज़, जीवन बीमा के कागज़ात, दवाई की पर्ची, हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड, मेडिकल बिल और मेडिकल से संबंधित अन्य दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखें। इन डाक्यूमेंट्स को ई-मेल या किसी ड्राइव में न बिल्कुल न रखें। बिल या मेडिकल के दस्तावेज़ फेंकना है तो उन्हें जला दें या कतरन कर फेकें।

अपराध की चोरी

अपराध करने के लिए अपराधी ख़ुद के बचाव में या तहकीकात के दौरान किसी व्यक्ति की जानकारी जैसे उसका नाम या पता का उपयोग कर सकता है। मिसाल के तौर पर अपराध को अंजाम देने के बाद व्यक्ति की आईडी जैसे ड्राइविंग लाइसेंस या आधार कार्ड आदि उस स्थान पर फेंक दे।

सेक्योरिटी – अपनी सभी आईडी को संभालकर रखें। इन्हें वॉलेट में पैसों के साथ न रखें क्योंकि इनके खोने से आपको परेशानी हो सकती है। अगर आपकी कोई आईडी कहीं गिर गई है या गुम हो गई है तो फौरन पुलिस में इसकी शिक़ायत करें। सोशल मीडिया पर आईडी से संबंधित जानकारियां बिल्कुल भी शेयर न करें।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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