वैज्ञानिकों ने कैंसर के मरीजों के लिए एक नया इलाज ढूंढ लिया है । सर्जरी, कीमोथैरेपी, रेडियोथैरेपी और इम्यूनोथैरेपी के बाद फोटो इम्यूनोथैरेपी कैंसर का 5वां ट्रीटमेंट होगा। इसमें उन छोटे-छोटे सेल्स को भी खत्म किया जा सकेगा, जो पिछली थैरेपी में रह जाते थे।
लंदन के कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने थैरेपी का चूहों पर सफलतापूर्वक प्रयोग कर लिया है। ट्रायल ग्लियोब्लास्टोमा कैंसर से पीड़ित चूहों पर किया गया।
नया ट्रीटमेंट इम्यून सिस्टम मजबूत करेगा
ग्लियोब्लास्टोमा ब्रेन कैंसर में सबसे कॉमन है। फोटो इम्यूनोथैरेपी में दिमाग में बहुत छोटे कैंसर सेल्स भी आसानी से नजर आए। डॉक्टरों ने उन्हें आसानी से निकाल लिया। जो नहीं निकल सके, वह भी इलाज के कुछ देर बाद खुद ही खत्म हो गए। दावा किया गया है कि इस ट्रीटमेंट के बाद भी मरीज का इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। मरीज में दोबारा ग्लियोब्लास्टोमा के लक्षण दिखते ही उन्हें रोका जा सकेगा।
रिसर्च में शामिल डॉ. गैब्रिएला क्रेमर-मरेकी ने कहा, “इस तरह का कैंसर ट्रीटमेंट कॉम्प्लीकेटेड होता है। दिमाग में ट्यूमर होने के कारण ये ट्रीटमेंट और ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में ट्यूमर सेल्स का पता लगाने की तकनीक मिलना
अपने आप में ऐतिहासिक है”।
चूहों के बाद ह्यूमन ट्रायल होगा शुरू
चूहों के बाद ग्लियोब्लास्टोमा पीड़ित इंसानों पर भी वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोग किया जाना प्रस्तावित है। सफल होने पर कैंसर के बाकी रूपों पर भी परीक्षण किया जाएगा। साइंटिस्ट अब न्यूरोब्लास्टोमा कैंसर के ट्रीटमेंट पर भी रिसर्च कर रहे हैं।
लंबे समय तक जी सकेंगे मरीज
वैज्ञानिकों का कहना है कि थैरेपी में कैंसर के छोटे सेल्स अंधेरे में तेजी से चमकेंगे। डॉक्टर उन्हें देख कर आसानी से निकाल सकेंगे। एक्सपर्ट का कहना है, ‘अब तक जो थैरेपी थीं, उनमें कैंसर सेल्स बॉडी में रह जाते थे। इससे मरीज के कम समय में मरने का खतरा रहता था, लेकिन फोटो इम्यूनोथैरेपी की मदद से मरीज लंबे समय तक जी सकेंगे।’