HIGHLIGHTS:
- दिल्ली हाई कोर्ट का बच्चों को लेकर महत्वपूर्ण फैसला
- बच्चे को अपने मानित पिता से मुलाकात का है अधिकार
- बच्चे के कल्याण का विचार सर्वोपरिः दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने मानित पिता यानी कि Putative Father के हक में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) बच्चों के अधिकार के पक्ष को देखते हुए यह कहा है कि- एक बच्चे को उसके मानित पिता (Putative Father) होने का दावा करने वाले पुरुष से मिलने का पूरा अधिकार है। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक नाबालिग बच्चे को अपने व्यक्तिगत विकास के लिए माता-पिता के स्पर्श से दूर नहीं किया जाना चाहिए।
क्या है मानित पिता (Putative Father) का अर्थ ?
मानित पिता का अर्थ एक ऐसा पुरुष जो कि कथित रूप से किसी महिला से पैदा हुए बच्चे का जैविक पिता होने का दावा करता है। जिसका विवाह बच्चे के जन्म के समय उस पुरुष से नहीं हुआ हो।
‘बच्चे के कल्याण का विचार सर्वोपरि’- दिल्ली हाईकोर्ट
एक महिला की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा, कि- यह विवादित बिल्कुल नहीं हो सकता कि प्रतिवादी अपने बच्चे का पिता होने के नाते मुलाकात के अधिकारों का हकदार होगा। अदालत की तरफ से कहा गया कि इस तरह के अधिकारों का निर्धारण करते समय निश्चित रूप से उसके कल्याण का विचार सर्वोपरि रखा जाना चाहिए, खासकर जब बच्चा तीन साल से कम उम्र का हो। साथ ही अदालत ने कहा कि नाबालिग बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए जिसमें स्वास्थ्य और व्यक्तित्व के विकास महत्वपूर्ण हैं, के लिए बच्चों को माता-पिता के स्पर्श से और प्रभाव से अछूता नहीं रखा जाना चाहिए निश्चित रूप से उसके कल्याण का विचार सर्वोपरि रखा जाना चाहिए।
इसके अलावा पारिवारिक न्यायालय ने पहले जहां मानित पिता (Putative Father) को अपने बच्चे से प्रतिदिन 2 घंटे मिलने का समय दिया था, उसे बदलकर हाईकोर्ट ने अब एक सप्ताह में वैकल्पिक कार्यदिवसों पर मुलाकात का अधिकार दिया है।