Scientific Farming: नागालैंड की खेती पर वर्ल्ड बैंक दिखा रहा है दिलचस्पी, जानें क्यों हैं यहां की खेती खास!




कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारत की बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर ही निर्भर है। आज भारत के कृषि उत्पादों की मांग पूरी दुनिया में है। भारत के कृषि उत्पादों को आज देश-विदेश में भी निर्यात किया जा रहा है। आधुनिक होती कृषि ने किसानों को भी आर्थिक रूप से मजबूत किया है। साथ ही आधुनिक कृषि के तकनीकों से कई नवाचार भी किए जा रहे है। इन तकनीकों की मदद से उन इलाकों में भी बढ़िया उत्पादन किया जा रहा है जहां कभी खेती की कल्पना भी नहीं हो सकती थी। ऐसे ही कई इलाके नागालैंड में भी मौजूद हैं। बता दें कि नागालैंड का ज्यादातर इलाका पहाड़ों से पूरी तरह घिरा हुआ है। यहां र ढ़लान की वजह से खेती में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन नागालैंड के लोगों ने इसका समाधान निकाल लिया। आज यहां पर सीढ़ीनुमा खेती से किसान समृद्ध हो रहे हैं।


नागालैंड की खेती

कभी सिर्फ पहाड़ों की ऊंची-नीची जमीन हुआ करती नागालैंड की धरती पर किसानों ने खेती की शुरूआत कर दी है। आज उपजाऊ जमीन में तब्दील ये पहाड़ कई किसानों का पेट भर रहे हैं। यहां खेती के लिए जंगलों को काटकर पहाड़ की ढ़लान पर सीढ़ीनुमा खेत तैयार किए गए हैं। दशकों से किए जा रहे इन प्रयोगों ने नागालैंड के किसानों के लिए खेती को आसान किया है। बारिश होने पर पानी इन सीढ़ीनुमा खेतों में जमा हो जाती है, जिसके बाद खेती करना और भी सरल होता है। नागालैंड के किसान इन सीढ़ीनुमा खेतों में धान की फसल उगाकर लाभ कमाते हैं। धान की खेती में ज्यादा मात्रा में पानी की खपत होती है। इन सीढ़ीनुमा खेतों के सहारे आज नागालैंड की 80 फीसदी जमीन पर धान की खेती की जा रही है। बचे हुए 20 प्रतिशत जमीन पर मक्का, बाजरा और दालों की खेती की जाती है।

वर्ल्ड बैंक दिखा है रहा है नागालैंड की खेती में रूचि

नागालैंड का सीढ़ीनुमा खेत पूरी दुनिया में मशहूर हो रहा है। यह एक प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट भी बन गया है। इनकी खूबसूरती का पूरा श्रेय नागालैंड के लोगों को ही मिलना चाहिए, क्योंकि यहां के किसान दिन रात मेहनत करके पहाड़ी राज्य नागालैंड को कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ा रहे हैं। इसकी खास बात यह है कि दुनिया इन किसानों की मेहनत को खूब सराहना भी दे रही है। हाल ही में विश्व बैंक की एक टीम ने नागालैंड में वैज्ञानिक खेती को आगे बढ़ाने के लिए हाथ बढ़ाया है। 
इसके अलावा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए सहयोग का प्रस्ताव भी रखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकारियों ने भी इस बात को कबूल किया है कि विश्व बैंक की एक टीम ने नागालैंड के अधिकारियों के साथ 
एलीमेंट (ELEMENT) परियोजना के संबंध में बैठकें पूरी की हैं।

वर्ल्ड बैंक ने किया नागालैंड विजिट

नागालैंड पहुंची विश्व बैंक की टीम विजिट करने नागालैंड पहुंची। टीम ने मुख्य तौर पर नागालैंड की प्राकृतिक खूबसूरती, एग्रो फॉरेस्ट्री, चीचमा में झूम खेती, नागा इंटीग्रेटेड सेटल्ड फार्मिंग-एनआईएसएफ परियोजना, सेंडेन्यू बायो डायवर्सिडी रिसर्व और पारंपरिक सीढ़ीनुमा खेतों को देखा व इनसे जुड़े मुद्दों व विकास के पहलुओं को समझा। जल्द ही यह टीम नागालैंड की बांस मिशन, नागालैंड मधुमक्खी पालन और हनी मिशन और चुमौकेदिमा में जैविक बाजार को भी विजिट करने वाली है।

Avatar photo

Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *