Mission Amrit Sarovar: बदलेगी भारत की तस्वीर, जल संकट को खत्म करेगी सरकार की योजना !



जल संकट से लड़ने के लिए सरकार परंपरागत जल स्त्रोत को संवारने का काम कर रही है। जिसके लिए सरकार ने अमृत सरोवर योजना की शुरूआत की है। इसके लिए मनरेगा सहित सभी योजनाओं से धन आवंटन की भी सुविधा की गई है। असल में भारत के हर जिले में जो सैंकड़ो साल पुरानी जल संरचनाएं बनी हैं , उनके संरक्षण और संवर्धन में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

अमृत सरोवर योजना

देश में अमृत सरोवर मिशन 24 अप्रैल 2022 को जल संरक्षण के उद्देश्य से शुरू किया गया, मिशन का उद्देश्य आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के रूप में देश के प्रत्येक ज़िले में 75 जल स्त्रोतों का विकास और संवर्धन करना है। इस योजना के अंतर्गत लगभग एक एकड़ या उससे अधिक आकार के 50,000 जलाशयों का निर्माण किया जा रहा है।

तालाबों को सहेजना जरूरी

खेतों की सिंचाई के लिए तालाबों पर निर्भरता ग्रामीण क्षेत्रों में काफी होती है। यह जमीन की नमी सहेजने सहित कई पर्यावरणीय संरक्षण के लिए सकारात्मक तो है ही साथ ही मछली पालन, मखाने, कमल जैसे उत्पादों के उगाने की संभावना के साथ किसान को अतिरिक्त आय का जरिया भी तैयार करती है।

तालाबों की जरूरत

तालाब केवल इस लिए महत्वपूर्ण नहीं है कि वे जल के पारंपरिक स्त्रोत हैं और पानी सहेजते हैं। इसके अलावा भी तालाब कई रूपों में अहम भूमिका निभाते हैं। तालाब जल का स्तर बनाए रखते हैं, धरती के बढ़ रहे तापमान को नियंत्रित करते हैं। साल 1944 में गठित ‘फेमिन इनक्वायरी कमीशन’ ने साफ निर्देश दिए थे कि आने वाले सालों में संभावित पेयजल संकट से जूझने के लिए तालाब ही कारगर साबित होंगे।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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