बिहार उड़ीसा पूर्वी उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में खजूर के पेड़ से ताड़ी निकाला जाता है। जहां इसे पेय पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है तो वहीं कुछ किसान इससे गड़ बना रहे हैं।
बिहार के किसान कमा रहे हैं लाभ
बिहार के रहने वाले एक किसान हैं ललन कुमार चौधरी जिन्होंने अपने पूरे खेत में खजूर के पेड़ लगाए हैं। अब ललन कुमार चौधरी इन खजूर के पेड़ों पर ताड़ी से गुड़ बनाकर आर्थिक लाभ कमा रहे हैं। दरअसल करीब 5 एकड़ खेत में उनके पास 2500 से अधिक खजूर के पेड़ ताड़ी निकालते हैं।
West Bengal से पता चली टेक्नीक
Lalan Chaudhary को West Bengal में ताड़ी से बनने वाले नोलन गुड़ के बारे में पता चला। खास बात यह है कि इसे नोलन गुड़ के नाम से जाना जाता है। यह खजूर या ताड़ के पेड़ से निकलने वाले तरल नीरा को पका कर बनाया जाता है।
नोलन गुड़ बेचने वाले लोगों के बारे में आमतौर पर किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है, बाद में ललन चौधरी ने पश्चिम बंगाल के कई इलाकों का दौरा किया और कई लोगों के खेतों में जाकर देखा कि इस गुड़ को कैसे तैयार किया जाता है।
ललन चौधरी ने बिहार के अपने गांव समसपुर में नोलन गुड़ बनाने का फैसला किया। नोलन गुड़ बेचने के लिए उन्होंने अपनी एक वेबसाइट भी बनवाई। फिलहाल दुनिया के अलग-अलग इलाके मेन नोलन गुड़ 500 से 1000 रुपए किलो के भाव से बिक रहा है।
नोलेन गुड़ को किसी तरह से कोई प्रिजर्वेटिव नहीं होता और यह बिल्कुल नेचुरल फॉर्म में बेचते हैं। नोलेन गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम, और पोटेशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं। वहीं इसमें कई विटामिन, कैल्शियम और जिंक भी पाया जाता है।
आयरन से भरपूर नोलेन गुड़ शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने में भी मदद मिलती है। इसके साथ ही इससे इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनता है और वॉटर रिटेंशन का लेवल भी कम करने में मदद मिलती है।