HIGHLIGHTS:
- भारत में अच्छा रहेगा आने वाला मानसून
- भारत में इस साल नहीं पड़ेगा “ला नीना” का प्रभाव
‘स्काईमेट’ ने दक्षिण-पश्चिम मानसून पर पूर्वानुमान लगाते हुए किसानों को एक अच्छी खबर दी है। स्काईमेट के अनुसार भारत में मानसून सामान्य रहने वाला है। मानसून अच्छा यानी कि किसानों को मानसून से फायदा होगा। स्काईमेट ने यह भी कहा है कि मानसून कब तक आएगा इसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है। और इसकी तीव्रता क्या होगी इसके बारे में भी अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी। भारत में इस मानसून से जून से सितंबर के बीच लगभग 75% से अधिक बारिश होती है। भारत की आर्थिक नीति और कृषि मानसून पर ही निर्भर करती है। इस लिहाज से स्काईमेट का यह पूर्वामनुमान काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
स्काईमेट के प्रेसिडेंट एवीएम जीपी शर्मा ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया है कि 2020 और 2021 के मानसून “ला नीना” घटना से प्रेरित रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि “ला नीना” का मानसून पर इस साल प्रभाव नहीं पड़ेगा ऐसा उम्मीद है। “ला नीना” का प्रभाव भारत पर इसलिए नहीं पड़ेगा क्योंकि प्रशांत महासागर के समुद्र की सतह का तापमान जल्द ही बढ़ने की उम्मीद है।
क्या होता है “ला नीना”?
“ला नीना” में समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। जिसकी वजह से दुनिया भर के मौसम में असर पड़ता है। ला नीना का स्पेनिश में अर्थ लिटिल गर्ल होता है। इसमें समुद्र का पानी काफी तेजी से ठंडा होता है। ला नीना से दुनिया भर के मौसम में असर पड़ता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसा इससे आसमान में बादल छाते हैं और बारिश होती है। भारत में कम और ज्यादा बारिश, ठंडी और गर्मी ला नीना पर ही निर्भर है। “ला नीना” की वजह से भारत में ज्यादा ठंड और बारिश की संभावना होती है।
भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है मानसून?
भारत की जीडीपी का 20% से अधिक कृषि पर निर्भर करती है। अच्छी बारिश यानी की भारत में अच्छी पैदावार और खराब बारिश से कम पैदावार होती है। मानसून का हमारे देश की जीडीपी पर सीधा-सीधा प्रभाव पड़ता है। खराब मानसून होने पर महंगाई दर बढ़ती है। और देश के विकास पर भी असर पड़ता है।