Digital Agriculture: तकनीक धीरे-धीरे हर क्षेत्र में बढ़ रही है। भारत के कृषि क्षेत्र में भी इसका प्रभाव नजर आता है। दरअसल, अब भारतीय किसान एआई की मदद से खेती कर रहे हैं। जिन किसानों की पहुंच तक डिजीटल एग्रीकल्चर आसान हुई है वे अपनी खेती को एक नया स्वरूप दे चुके हैं। ये बेहद दिलचस्प बात है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े फूड प्रोड्यूसर्स में से एक है, ऐसे में कृषि के क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। यही वजह है कि भारत सरकार भी देश के कृषि क्षेत्र को बढ़ाने के लिए डिजिटल एग्रीकल्चर और एआई की सहायता ले रही है।
डिजिटल एग्रीकल्चर
डिजिटल एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने पांच एमओयू प्राइवेट साइन किए हैं। इसके अंतर्गत देश के 5.5 करोड़ किसानों का डेटाबेस शामिल है, जिसकी मदद से डिजिटल एग्रीकल्चर की सहायता ली जाएगी। डिजिटल एग्रीकल्चर को आसान भाषा में समझें तो ये एक ऐसा प्रयास हो सकता है जिसमें किसानों तक कृषि संबंधित सही जानकारी और सरकारी योजनाएं डिजिटल माध्यम से तेजी से पहुंचेंगी। इसके साथ साथ प्राइवेट कंपनियों के जरिए किसानों के फसल पर उन्हें कैसे बेहतर मुनाफा दिलाया जाय इस पर भी काम किया जा रहा है। कुछ चीजें जो डिजिटल एग्रीकल्चर की वजह से बेहतर हो रही हैं, उनमें अच्छी उपज, मिट्टी की बेहतर जांच, खेती के लिए केमिकल का कम इस्तेमाल, कम पानी में अच्छी खेती और आर्थिक तौर पर मजबूत होते किसान आते हैं।
एआई की मदद से होगी खेती
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में एक स्कीम लॉन्च की गई थी, जिसका नाम था एआई फॉर एआई. जिसका मतलब है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर एग्रीकल्चर इनोवेशन। इसके बाद से ही बड़े और व्यावसाय की इच्छा रखने वाले सभी किसान इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं।