बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार खास कदम उठाने जा रही है। इसके लिए सरकार कामन फैसिलिटी सेंटर खोलकर बैम्मू और इसके उत्पादों को बाजार देगी। यही नहीं बैम्बू के विस्तृत श्रृंखला व बाजार तैयार करने के साथ बांस उपचार के संयंत्र भी लगाए जा रहे हैं। इन सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नेशनल बैम्बू मिशन काफी कारगर साबित हो रही है।
नेशनल बैम्बू मिशन
खेती से लेकर किसानों को मार्केटिंग से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन एक बहुद्देश्यीय योजना के रूप में स्थापित है। इस योजना से किसानों को कई लाभ होंगे…
• इस योजना से उत्तर प्रदेश में बांस विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
• नई किस्मों को विकसित करने में मददगार साबित होगी।
• अनुसंधान को प्रोत्साहन मिलेगा।
• हाईटेक नर्सरी स्थापित होगी।
• पौधों में कीट एवं बीमारी प्रबंधन का कार्य होगा।
• बांस हस्तकला को बढ़ावा मिलेगा।
• बांस उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी।
• बांस उत्पादों के लिए विपणन नेटवर्क विकसित करने तथा कारीगरों हेतु कच्चा माल उपलब्ध कराये जाने में भी सहायक।
इस योजना के अंतर्गत मुख्यतः बैम्बूसा बाल्कोआ, बैम्बूसा न्यूटन्स, बैम्बूसा बैम्बोस, डैन्ड्रोक्लेमस हैमिल्टोनी और डैन्ड्रोक्लेमस जाइजेन्टियस आदि प्रजातियों के पौधे उगाए जाएंगे।
50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि
इस योजना के अंतर्गत राजकीय भूमि और निजी कृषक भूमि में बांस पौधशाला की स्थापना, सामान्य सुविधा केंद्र (CFC), बैम्बू बाजार, बांस उपचार संयंत्र की स्थापना कराया जाना एवं वृक्षारोपण तथा अन्य सहकार्य (कृषको , कारीगरों एवं उद्यमियों का प्रशिक्षण) आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। निजी कृषकों, निजी संस्थाओं द्वारा कराये जाने वाले कार्यों हेतु निर्धारित मानकों के सापेक्ष 50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।