Bamboo Farming: खेती-किसानी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, हो भी क्यों नहीं क्योंकि भारत की आधी से ज्यादा आबादी गांवों में ही निवास करती है। भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए अब किसान भी पारंपरिक खेती के साथ ही ऐसी फसलों की ओर रूख कर रहें हैं जो उन्हें खेती में मुनाफा भी दिलवाए। यही वजह है कि बांस की खेती भी किसानों को काफी पसंद आ रही है। दरअसल विशेषज्ञों का मानना है कि बांस की खेती कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है। इसे वन टाइम इन्वेस्टमेंट के तौर पर भी किसान देखते हैं।
सिर्फ 5 हजार के इन्वेस्टमेंट से कमा सकते हैं किसान लाभ
एक हेक्टेयर में सिर्फ पांच हजार रुपये निवेश कर बांस की खेती की जा सकती है। बांस के पौधों को पेड़ बनने में 5-6 साल लगते हैं, इसके बाद 30 साल तक ये बांस बढ़ते जाते हैं। इसीलिए इसे ‘दीर्घकालिक निवेश’ भी कहते हैं। वर्षा के सीजन में जुलाई से अगस्त तक इसे लगाया जाता है। पांच से छह साल में बांस तैयार होती है और अक्टूबर से दिसंबर के बीच बांस की कटाई होती है।
मध्यप्रदेश के किसान उगा रहे हैं बांस
मंडला के बुआ बिछिया के निवासी सुरेश नामदेव भी किसान हैं, उन्होंने पारंपरिक खेती के अलावा बांस की खेती करने की सोची। इससे सुरेश हर महीने लाखों कमा रहे हैं। उनसे बांस की खेती सीख कर बिछिया के दूसरे किसान भी बंजर जमीन में बांस की खेती के लिए प्रेरित हुए हैं।
कम पानी में भी की जाती है बांस की खेती
बांस की प्रजाति घास की प्रजाति है, यह जमीन पर कम पानी में भी पैदा हो जाती है। बांस को देश के कई इलाके में हरा सोना भी कहते हैं। पर्यावरण में भी इसका प्रभाव अच्छा होता है। इसमें प्रकाशीय श्वसन तेजी से होता है। बांस के पेड़ कार्बन डाईऑक्साइड का पुनः उपयोग कर लेते हैं। बांस में 5 गुना ज्यादा कार्बन डाईऑक्साइड सोखने की क्षमता पाई जाती है।
ये एक 1 साल में लगभग 1000 टन Co2 अवशोषित कर लेते हैं। इससे ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव भी कम होता है। बांस की जड़े कटाई के बाद भी कई दशक तक मिट्टी को बांधकर रखती है। इससे मिट्टी का कटाव रुकता है। वहीं दूसरे पेड़ों की तुलना में बांस से 10 गुना ज्यादा प्रोडक्ट बनाए जाते हैं। इससे दूसरे पेड़ों पर निर्भरता कम होती है।
सरकार भी कर रही है मदद
एक किसान ने राष्ट्रीय बांस मिशन की सहायता से 12 एकड़ जमीन में बांस के 4800 पौधे लगाए। ये अब 12 एकड़ से शुरू हुई बांस की खेती 100 एकड़ को पार कर गई है। किसान अब तक बांस के 2500 पौधे लगा चुका है। चार साल पहले लगाए गए बांस के पौधे अब कटने के लिए बिल्कुल तैयार हैं, इससे किसान को हर महीने अच्छी आमदनी हो रही है।