Innovation: सुपारी, ताड़, नारियल और खजूर जैसे पेड़ काफी ऊंचे होते हैं, ऐसे में इसकी खेती करने वाले किसानों को इस पर चढ़कर समय पर फल तोड़ना जरूरी हो जाता है। यही नहीं फलों पर कीटनाशक के छिड़काव और पत्तियों की छंटाई के लिए भी पेड़ पर चढ़ने की आवश्यक्ता होती है। नारियल या ताड़-खजूर जैसे पेड़ पर चढ़ने की कला हर किसी के पास नहीं होती है केवल कुछ ही लोगों को ये काम आता है। लेकिन किसानों को इसके इसमें माहिर मजदूर को मुंह मांगी रकम देनी पड़ती है।
किसान ने बनाया है पेड़ पर चढ़ने वाला स्कूटर
तमिलनाडु के गणपति भट्ट की उम्र 50 साल है, पेशे से वे एक किसान हैं। उन्होंने पेड़ पर चढ़ने की परेशानी को खत्म करने केलिए एक ट्री क्लाइंबिंग स्कूटर तैयार किया है। यह ऊंचे पेड़ पर आसानी से चढ़कर वहां से फल तोड़ने या अन्य काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पाम की खेती करने वाले भट ने मजदूरों की बढ़ती किल्लत की वजह से इस तरह का ट्री क्लाइंबिंग स्कूटर का हल खोजा है।
अपने जैसे दूसरे किसानों की कर रहे हैं मदद
भट्ट ने स्कूटर अपनी सहूलियत के लिए बनाई थी। लेकिन इसकी उपयोगिता को देखते हुए आस-पास के किसान भी इसका उपयोग कर रहे हैं। भट्ट ने अब तक 500 से अधिक ट्री क्लाइंबिंग स्कूटर बेचा है। उन्हं उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसकी मांग और बढ़ेगी। पेड़ पर चढ़ने में मददगार यह ट्री क्लाइंबिंग स्कूटर 84 मीटर लंबे पेड़ पर 30 सेकंड में ही पहुंचा देता है। ऊंचे पेड़ पर चढ़ना काफी जोखिम भरा काम है और पेड़ की सतह प्लेन नहीं होती, इस वजह से कई बार पैर फिसलने का भी खतरा भी इसमें होता है।
यह स्कूटर फसल काटने से लेकर कीटनाशक का छिड़काव करने तक कई तरह के काम में किसानों की मदद के काम आ रहा है। कई सालों तक भट्ट ने होममेड कांट्रेसेप्शन जिसमें एक छोटा मोटर, एक सीट और तीन चार पहिए लगे हुए हैं, उसके साथ एक्सपेरिमेंट करने अपना समय दिया।
भट्ट ने जब स्कूटर बनाने का यह प्रयोग किया तब उन्हें शक था कि उन्हें कामयाबी मिलेगी या नहीं इसके साथ ही उन्हें यह भी भरोसा नहीं था कि बारिश के सीजन में यह मशीन काम करेगी। भट्ट ने सफलता हासिल की और अपने 18 एकड़ के खेत, जहां हजारों ऊंचे पेड़ मौजूद हैं इसका उपयोग करते हैं।