जीवन में सबसे जरूरी चीज है टाइम मैनेजमेंट। समय में पूरा किया हुआ काम सिर्फ़ मानसिक सुकून ही नहीं देते बल्कि प्रोडक्विटी को भी बढ़ाते हैं। पर टाइम मैनेजमेंट कई बार हमारे हिसाब से नही हो पाता है। इसके लिए टाइम बॉक्सिंग एक ज़रिया है। दरअसल टाइम बॉक्सिंग एक सरल और ट्रेंडिंग टाइम मैनेजमेंट का टेक्नीक है। जो आपको अपने शेड्यूल के हिसाब से टाइम मैनेजमेंट को नियंत्रण रखने में मदद करती है। इसकी मदद से आप आत्म-अनुशासन का अभ्यास कर सकते हैं साथ ही आपको अपने काम को व्यवस्थित करने के लिए भी मदद करता है। इसमें समय के अनुसार काम किया जाता है।
टाइम बॉक्सिंग वह टेक्नीक है जिसके ज़रिए आप अपनी प्रोडक्विटी बढ़ा सकते हैं और ध्यान को एक ही काम पर फोक्सड होकर बेहतर रिजल्ट की तरफ जा सकते हैं।
टाइम बॉक्सिंग को लागू करने के तरीके
टाइम बॉक्सिंग काम से ज़्यादा उसमें लगने वाले ‘टाइम’ पर केंद्रित है। इसे अपनाते समय इसी बात पर ध्यान देना होगा।
लंबे काम को टुकड़ों में विभाजित कर लें। काम चाहे घर का हो या ऑफिस का, थोड़ा-थोड़ा पर टारगेटेड टाइम में पूरा करने की कोशिश करें।
बंटे हुए काम को करने में कितना समय लगना है, यह तय करें और उतनी ही समय- सीमा में काम पूरा करें।
टाइम बॉक्सिंग का नियम ही है कि जिस काम के लिए जितना समय लिया है उतने में उसे पूरा करें। अगर किसी काम के लिए 25 मिनट का समय तय है और वो उतने समय में ना हो पाया हो, तो यह टाइम बॉक्सिंग के रूल में फिट नहीं बैठता।
अगर जितना टाइम तय किया है और वह काम तयशुदा सीमा में पूरा नहीं किया, तो विश्लेषण कीजिए कि ऐसा क्यों हुआ। ऐसा न कर पाने की वजह से काम को कितने मिनट और आगे बढ़ाना होगा। अपने काम के तरीकों और गति पर भी नज़र डालने का मौका आपको मिलेगा।
टाइम बॉक्सिंग पूरी योजना के साथ लागू करें तो कुछ ही दिनों में न सिर्फ आपकी, बल्कि आपके साथ काम करने वालों की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। और यह धीरे-धीरे आपकी आदत में भी शामिल होगी।
फ़ायदे
• टाइम बॉक्सिंग के माध्यम से कार्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
• एक काम को कई तरीके से करने के तरीके समझ में आएंगे।
• ज्यादा ज़रूरी कामों को पहले निपटाने की आदत बनेगी।