

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 16 जुलाई को ‘पीएसयू गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स’ के द्वारा निर्मित पी17ए युद्धपोत ‘दूनागिरी’ का शुभारंभ किया। रक्षा मंत्री ने हुगली नदी में इसका जलावतरण किया। पी17ए पोत दिशानिर्देशित-मिसाइल एक युद्धपोत हैं। युद्धपोत के शुभारंभ से पहले उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय शिपयार्ड द्वारा पोत का इस तरह से जलावतरण किया जाना देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ने का प्रतीक है।
प्रोजेक्ट 17 ए के तहत बनाये गये इस चौथे युद्धपोत को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर लिमिटेड ने तैयार किया है। और इसका नाम उत्तराखंड राज्य की एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया। यह पी-17 फ्रिगेट (शिवालिक) श्रेणी का वह पोत है जो नये स्टील्थ फीचर, उन्नत हथियार और सेंसर औपर प्लेटफॉर्म मैनेंजमेंट सिस्टम से युक्त है।
यह नौसेना के लिएंडर श्रेणी के एएसडब्ल्यू फ्रिगेट का संशोधित रूप है जिसने 5 मई 1977 से 20 अक्टूबर 2010 तक 33 वर्ष तक अपनी सेवा भारत को दी और विभिन्न चुनौतीपूर्ण अभियानों तथा बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में हिस्सा लिया था। पी-17 ए प्रोजेक्ट के पहले दो पोत का 2019 और 2020 में जलावतरण किया चुका है।
तीसरे पोत (उदयगिरी) का बीते 17 मई को जलावतरण किया गया था। चौथे पोत का इतने कम समय में जलावतरण किया जाना इस बात का को दर्शाता है कि देश सही द्दष्टिकोण के साथ पोत निर्माण के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा की तरफ आगे बढ़ रहा है। पी-17 ए पोत का डिजाइन नौसेना के डिजायन महानिदेशालय ने बनाया है। नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के अनुसार, दूनागिरी सहित प्रोजेक्ट 17ए के सभी फ्रीगेट शिवालिक क्लास (प्रोजेक्ट-17) के युद्धपोतों का फॉलो-ऑन हैं और सभी में पहले वालों से बेहतर स्टेल्थ फीचर्स, एडवांस वैपन, सेंसर्स और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम लगा हुआ हैं।