छत्तीसगढ़ की वनवासी महिलाएं अपने कौशल का प्रदर्शन अब विदेशों में भी करेंगी। अब उनके प्रयासों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर न केवल पहचान मिलेगी बल्कि उन्हें सम्मान भी मिल रहा है। राज्य को लघु वनोपज प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है। जिसके इसके तहत छत्तीसगढ़ को संधारणीय विकास, गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जा रहा है।
इसमें पुरस्कार लेने के लिए कुछ दिनों पहले ही माना विमानतल रायपुर से टीम निकल चुकी है। आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार सिंगापुर में आयोजित ईएसजी ग्रिट पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ सहित जगदलपुर और कोरबा के दो महिला स्व-सहायता समूह को सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के उपरांत संभवत: यह पहला मौका है, जब महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य एक अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड लेने विदेश यात्रा पर हैं।
सिंगापुर की यह उड़ान आकांक्षाओं और सपनों के लिए की गई उड़ान है। बकावंड वन धन केन्द्र की सदस्य पद्मिनी बघेल और बेलाबाई कश्यप साथ ही डोंगानाला वनधन केन्द्र की सदस्य सरोज पटेल तथा फूलबाई नेती को उनके चाहने वालों ने सिंगापुर के लिए भेजा है। दरअसल यह वन धन विकास के सदस्यों की यह उड़ान, ऐसी सैकड़ों महिलाओं और वनवासियों की आशाओं की उड़ान है जो अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं।
मिली जानाकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के इन वनवासी प्रतिनिधियों ने 150 देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के सामने यह सम्मान हासिल किया। साथ ही छत्तीसगढ़ मॉडल तथा सतत विकास की कहानी भी सुनाई। इस समारोह में पूरी दुनिया के व्यवसायी, बैंकर्स, इनवेस्टर्स, पर्यावरणविद और शासकीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ‘छत्तीसगढ़-हर्बल्स’ को नई पहचान मिली।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के इस दल का नेतृत्व राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने की। साथ ही अपर प्रबंध संचालक बी. आनंद बाबू एवं वनमंडल अधिकारी स्टायलो मण्डावी भी टीम में शामिल हैं।