विश्वप्रसिद्ध गुजरात का मोढेरा सूर्य मंदिर पूरी दुनिया में मशहूर है। इस मंदिर को चालुक्य वंश के राजा भीम प्रथम ने 1026-27 में बनवाया था। चालुक्य वंश का यह मंदिर सूर्य मंदिर है। लेकिन इससे इतर यह मंदिर अब और भी दूसरी वजह से जाना जाएगा। दरअसल अब मोढेरा देश का पहला ऐसा गांव बन गया है जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलता है। पीएम मोदी ने इसकी घोषणा की है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने गांव को 3900 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
राजधानी गांधीनगर से इस सौर गांव की दूरी करीब करीब 100 किमी है जबकि मोढेरा गांव गुजरात के मेहसाणा गांव से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। सौर ऊर्जा से चलने वाला यह गांव पुष्पावती नदी के किनारे बसा है। भौगोलिक रूप से यह इलाका करीब 2,436 हेक्टेयर में फैला है। यह सौर ऊर्जा से चलने वाला देश का पहला गांव है जो ग्राउंड-माउंटेड सोलर पॉवर प्लांट से बना है। वहीं 1 किलोवॉट के 1300 से ज्यादा रूफटॉप सोलर सिस्टम लोगों की छतों पर फिट किए गए हैं।
इनसे इन घरों में बिजली की जरूरत को पूरा किया जाएगा। यह सभी सोलर सिस्टम बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से जुड़ा हुआ है और इस प्रोजेक्ट को ‘सोलराइजेशन ऑफ मोढेरा सन टेम्पल एंड टाउन’ नाम दिया गया है।
गांव को ऊर्जा की आपूर्ति दिन में सोलर पैलर से पूरी होगी है। और शाम के समय बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से ऊर्जा आपूर्ति होगी। यह भारत का पहला ग्रिड कनेक्टेड मेगावॉट ऑवर स्केल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम घरों को की आपूर्ति करेगा। सोलर गांव के लिए सोलर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में राज्य और केंद्र सरकार दोनों का सहयोगा है। राज्य और केंद्र दोनों सरकारों ने मिलकर 80 करोड़ से ज्यादा का निवेश इसमें किया है। यह पूरा प्रोजेक्ट दो चरणों में डेवलप हुआ है। राज्य सरकार ने इसके लिए 12 हेक्टेयर की जमीन एलॉट दी थी।
हो रही है ऊर्जा की बचत
सरकार के इस प्रयास से अब मोढेरा गांव के लोग अपने बिजली के बिल पर 60 से लेकर 100 फीसदी तक की बचत कर पा रहे हैं। गांव के एक निवासी ने कहा कि पहले उनका बिजली का बिल 2000 रुपए तक आता था लेकिन सोलर एनर्जी की मदद से वह केवल 300 रुपए बिल दे रहे हैं।