जॉब के लिए सबसे आखिरी लेकिन महत्वपूर्ण स्टेप होता है साक्षात्कार जिसके बाद ही पता चलता है कि कैंडिडेट को नौकरी या वह पद मिला कि नहीं जिसकी वह तैयारी कर रहा था। साक्षात्कार या इंटरव्यू वह विधा है जिसमें व्यक्ति कितना भी ज्ञानी या कितना भी अनुभवी क्यों न हो लेकिन जब इंटरव्यू देने की बात आती है तो थोड़ी सी घबराहट हर किसी को होती है। इस बात की तरफ ध्यान जरूर जाता है कि पता नहीं क्या पूछ लें या पता नहीं आप सामने वाले की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे भी या नहीं। लेकिन ये सभी बातें आपकी काबिलियत और इंटरव्यू लेने वाले की जरूरत पर डिपेंड करता है। इंटरव्यू का रिजल्ट भले ही कुछ भी हो पर आपको अपनी तैयारी पूरी रखनी चाहिए। इसीलिए कई रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की सलाह पर बता रहे हैं कि इंटरव्यू से जब दिल घबराए तो क्या करें….
पहले की थोड़ी जांच-पड़ताल जरूरी
जिस कंपनी या जिस पद के लिए साक्षात्कार देने वाले हैं। उसके बारे में जरूरी और प्राथमिक जानकारी जरूर रखें। इंटरव्यू में कई ऐसे सवाल पूछे जा सकते हैं जैसे- कि आपको ही क्यों चुनें या आप इस कंपनी में काम क्यों करना चाह रहे हैं, आपके पास इन सभी बातों का लॉजिकल जवाब जरूर होना चाहिए। जब आप जवाब देते हैं तो पैनल ये समझ जाता है कि आप तैयारी करके आए हैं तो आपका आधा इम्प्रेशन तो यहीं से अच्छा हो जाता है। इसीलिए साक्षात्कार के पहले प्री प्रिपरेशन एकदम जरूरी है।
सच बोलें नकली चीजों से बचें
जरूरी नहीं आप सब जानते हों। सभी बातों की जानकारी सभी को नहीं होती है। तो गलत या अनुमानित जवाब देने से बचें। वहीं अपनी पिछली जॉब या अनुभव, नौकरी छोड़ने का कारण, इन सभी बातों को पैनल के सामने सच ही रखें झूठ से बचने की कोशिश करें। अगर कुछ नहीं बताना चाहते हैं तो उसे पर्सनल कहकर क्षमा मांग लें पर गोलमोल बातें करके या झूठ बोलकर पैनल पर बुरा असर पड़ सकता है।
न कहने से परहेज न करें
कुछ नहीं आने में कुछ बुरा नहीं है। तो न कहना सीखें। जवाब नहीं आने पर माफ करें ऐसा कहकर आगे बढ़ सकते हैं। साथ ही अपना ये रवैया भी पैनल को जरूर दिखाएं कि कुछ नहीं आने पर आप उसे सीखने को भी तैयार हैं।