15th August 2023: भारत की आजादी का इस साल का जश्न काफी खास रहा। इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुछ खास मेहमान दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होंने आजादी का जश्न देखा खास मेहमान होंगे। लाल किले से जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की आजादी के उपलक्ष्य में भाषण दिया तो उसके साक्षी बने चीन की सीमा से सटे गांवों के सरपंच। 15 अगस्त के जश्न में अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में चीन सीमा पर लगभग 662 गांवों के सरपंच विशेष अतिथि बनकर शामिल हुए। ये सभी गांव केंद्र सरकार के वाइब्रेट विलेजेज प्रोग्राम (वीवीपी) के अंतर्गत आते हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) मुख्यालय से इन जिलों में अपने कर्मियों को संपर्क अधिकारी (Liaison Officers) नियुक्त करने के आदेश दिए गए थे। सरपंचों को जिला मुख्यालय से दिल्ली लाने और उन्हें वापस ले जाने की जिम्मेदारी इन्ही अधिकारियों की थी। सभी संपर्क अधिकारी आईटीबीपी से थे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए सड़क संपर्क के लिए विशेष रूप से 2500 करोड़ रुपये सहित 4800 करोड़ रुपये के केंद्रीय योगदान के साथ ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’(वीवीपी) को लेकर हामी भरी थी।
‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के बारे में
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत सरकार सीमावर्ती गांवों को मजबूती देने की दिशा में काम कर रही है। इन गांवों को सरकार रोड कनेक्टिविटी, पेयजल, सौर और पवन ऊर्जा सहित बिजली, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटन केंद्र, बहुउद्देश्यीय केंद्र और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा और स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों से जोड़ रही है। देश के पहाड़ी और सीमाई राज्यों में इस योजना की शुरुआत हो चुकी है।
इस योजना को अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के सीमावर्ती गांव किबिथू में शुरू किया गया था। वीवीपी भारत-चीन सीमा से सटे गांवों के एकीकृत विकास के उद्देश्य से 4,800 करोड़ रुपये की केंद्र प्रायोजित स्कीम है।
‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का उद्देश्य
‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ चिन्हित सीमावर्ती गांवों के लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से लाया गया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से उन्हें अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे इन गांवों से पलायन रुक सके और सीमा की सुरक्षा बढ़ाने में मदद हो सकेगी। अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2,967 गांवों की ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत नई पहचान मिल रही है।