ऑफिस बॉय का काम करने वाला युवा बना सफल ऑन्त्रप्रेन्योर, जानें कैसे हासिल की सफलता!

Success Story:

अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हालात कभी आपकी भी रास्ता नहीं रोकते। ऐसी ही एक इंस्पायरिंग कहानी है 31 साल के दादासाहेब भगत जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर अपनी तकदीर बदल दी। कभी आईटी कंपनी में चाय-पानी पिलाने वाला ऑफिस ब्वॉय आज सफल बिजनेसमैन है।

महाराष्ट्र के बीड के एक छोटे से गांव के रहने वाले भगत एक डू-ग्राफिक्‍स (Doographics) नाम की कंपनी चलाते हैं, उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद पुणे का रूख किया। भगत ने पुणे में ही आईटीआई डिप्लोमा पूरा कर 9,000 रुपये प्रति माह की नौकरी ज्वाइन की।

दादासाहेब भगत को इंफोसिस गेस्ट हाउस में मेहमानों को रूम सर्विस, चाय और पानी परोसने की जिम्मेदारी दी गई थी। इंफोसिस में काम करते हुए उन्होंने सॉफ्टवेयर के बारे में जानना और समझना शुरू किया। सॉफ्टवेयर और उससे जुड़ी नई तकनीकों के बारे में उन्हें इंटरेस्ट आने लगा। भगत कॉर्पोरेट जगत से भी बहुत प्रभावित थे,  लेकिन उनके पास ने तो ऐसी शिक्षा थी न ही ज्यादा पैसे।

काम के दौरान दादासाहेब भगत को एनीमेशन और डिज़ाइनिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिला भगत रात में काम करते थे और दिन में एनीमेशन की पढ़ाई करते थे। सिलेबस पूरा होने के बाद भगत को मुंबई में अच्छी नौकरी भी मिली।

नौकरी के दौरान डेवलप किया हुनर

भगत ने हैदराबाद में एक डिजाइनिंग और ग्राफिक्स फर्म में नौकरी करते हुए पायथन और सी++ के बारे में जानना शुरू किया। काम के दौरान उन्होंने ये देखा कि कई विजुअल इफेक्ट्स बनाने में बहुत समय लगता है और फिर से बनाने के लिए टेम्पलेट्स की लाइब्रेरी का काम किया जा सकता है।


उन्होंने सोचा कि क्यों न इसी से जुड़ा कुछ किया जाए। उन्होंने डिज़ाइन टेम्पलेट्स का ऑनलाइन विपणन करना शुरू कर दिया.एक सड़क हादसे में घायल होने के बाद भगत ने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपना सारा समय अपनी डिज़ाइन लाइब्रेरी को डेवलप करने में लगा दिया। उन्होंने अपनी पहली कंपनी निंथमोशन, 2015 में शुरू की जिसके जरिए उन्होंने कम समय में ग्लोबल लेवल पर लगभग 6,000 यूजर्स को अपनी सेवाएं दी। इनमें बीबीसी स्टूडियो और 9एक्सएम म्यूजिक चैनल जैसी प्रसिद्ध कंपनियां भी थीं।

भगत ने ऑनलाइन ग्राफ़िक डिज़ाइन के लिए कैनवा के समान एक प्लेटफ़ॉर्म बनाने के बारे में सोचा। इससे भगत ने दूसरा बिजनेस डूग्राफिक्स शुरू किया। कोविड के दौरान वे अपने गांव लौट गए लेकिन उन्होंने घर से अपना काम जारी रखा।

भगत की अच्छी बात ये थी कि हर स्थित में भी वो डटे रहे उन्होंने काम नहीं छोड़ा और 6 महीनों में उनके पास 10,000 एक्टिव यूजर्स थे, जिनमें से अधिकांश महाराष्ट्र, दिल्ली, बैंगलोर से थे, साथ ही कुछ यूजर्स जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूके से भी उनसे मदद लेते थे। भगत उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं जो जीवन में कुछ बेहतर करना चाहते हैं।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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