Millets Food Processing: मेहनत के बल पर लोग अपनी किस्मत बदल लेते हैं। (Millets Food Processing) ऐसी ही उत्तरप्रदेश की एक महिला ने अपनी जिंदगी बदल दी। कभी ये महिला मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालती थीं। लेकिन आज वो बेहतर काम कर एक अच्छा बिनजेस कर रही हैं।
एक सलाह ने बदली किस्मत
ये कहानी है सावित्री देवी की, जो अमेठी जिले के राघीपुर गांव में रहती हैं। (Millets Food Processing) एक समय ऐसा था जब सावित्री देवी मजदूरी कर अपना जीवन चलाती थीं। लेकिन आज वह ना केवल खुद का काम कर अपने लिए कमा रही हैं बल्कि इसके साथ ही उन्होंने गांव की दूसरी महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ा है। (Millets Food Processing) उन्होंने मोटे अनाज का बिजनेस कर अपनी आर्थिक स्थिति को ठीक किया। मोटे अनाज जिन्हें सरकार बढ़ावा दे रही है उसका इस्तेमाल उन्होंने बिजनेस के लिए किया साथ ही उन्होंने लोगों को इसके फायदे को लेकर जागरूक भी किया।
वरदान बना मिलेट
सावित्री देवी मोटे अनाज से कई तरह के सामान बनाती है। उन्होंने रोजगार के लिए इन्हें बेचना शुरू किया। (Millets Food Processing) इससे वह आज अच्छा खासा मुनाफा कमाकर अपना बिजनेस चला रही हैं। सावित्री मोटे अनाज से तैयार किए गए सामानों को दूर-दूर तक पहुंचा रही हैं। सावित्री ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हैं उन्होंने सिर्फ 12वीं तक की पढ़ाई की है। (Millets Food Processing) शुरूआत में उन्होंने मजदूरी की। एक बार वो काम की तलाश करते हुए गांव के पास लगी एक प्रदर्शनी में पहुंचीं। उन्होंने कृषि विभाग से मोटे अनाज की जानकारी दी। (Millets Food Processing) उन्होंने इसके फायदे जाने और कृषि विभाग के सहयोग से मोटे अनाज से ही कई सामानों को बनाना शुरू कर दिया।
मोटे अनाज से बनाती हैं ये सामान
उन्होंने पहले छोटे स्तर पर ये काम किया। बाद में जैसे जैसे उन्हें फायदा होने लगा वैसे वैसे उन्होंने अपने व्यवसाय को बढ़ाया। (Millets Food Processing) आज सावित्री देवी मोटे अनाज के बिस्कुट, पेड़ा, लड्डू, नमकीन और दलिया तैयार कर भी बेच रही हैं। (Millets Food Processing) उन्होंने मोटे अनाज की खरीदी के लिए स्थानीय किसानों को चुना। इसके बाद घर लाकर एक चक्की में पीसकर उससे अलग-अलग सामान बनाती है। (Millets Food Processing) सावित्री द्वारा मोटे अनाज से तैयार किए गए सामान आम लोगों को फायदा पहुंचाने के साथ साथ शुगर और बीपी के मरीजों के लिए भी मदद पहुंचा रही हैं। सावित्री ने ये साबित किया कि उनकी मेहनत ने ही उनकी तकदीर बदली है।