कर्मचारी अपने रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में इतना व्यस्त हो जाता हैं कि वह खुद के लिए 5 मिनट का ब्रेक भी नहीं निकाल पाता हैं। इसी समस्या का समाधान आयूष मंत्रालय ने खोज निकाला हैं। आयुष मंत्रालय ने आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न मनाते हुए कर्मचारियों के लिए वाई-ब्रेक ऐप लॉन्च किया हैं। वाई-ब्रेक यानें की योग ब्रेक। 5 मिनट के योग प्रोटोकॉल के रूप में यह ऐप लॉन्च हुआ है।
दरहसल, यह ऐप तनावग्रस्त कॉर्पोरेट कर्मचारियों के लिए आयूष मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने दो दिन पहले जारी एक आदेश में सभी मंत्रालयों से एप को प्रमोट करने को कहा हैं।
मान्सिक तनाव को ध्यान में रखते हुए डेवलप किया गया ऐप
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ऐप के लॉन्च के दौरान कहा-‘कामकाजी आबादी को ध्यान में रखते हुए यह Y-ब्रेक डेवलप किया गया है। यह ऐप कार्यस्थल पर कर्मचारियों को कुछ आराम देगा। इस वाई-ब्रेक का, अगर सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है।
कौन-कौन से योग है शामिल?
वर्क प्लेस पर योग का विचार विशेष रूप से तनावग्रस्त कॉर्पोरेट कर्मचारियों के लिए था। ताकि वे अपने व्यस्त दिन में कुछ व्यायाम शामिल कर सकें और इस तरह उत्पादकता भी बढ़ा सकें। इस ऐप से आप ताड़ासन, उर्ध्वा हस्तोत्तानासन, उत्तान मंडुकासन, कटि चक्रसन, अर्ध चक्रसन, प्रसार पदोत्तानासन, भ्रामरी प्राणायाम-ध्यान जैसे सरल योग अभ्यासों को कर पाएंगे।
योग-व्रेक ऐप का क्या है महत्त्व?
कर्मचारी अपने वर्क प्लेस में कई तरह के मान्सिक तनाव से गुज़रता हैं। इस तनाव की वजह से वह अपने कार्यक्षमता में कहीं ना कहीं असक्षम रह जाता हैं। कुछ इसी प्रकार के मानसिक तनाव को दूर करने व कर्मचारियों को तरोताजा करने केलिए इस ऐप को लॉन्च किया गया हैं। इस ऐप से कर्मचारियों को 5 मिनट का ब्रेक मिलेगा जिससे वह खुदको रिफ्रेश कर सकता है और एक बार फिर जुनून के साथ काम में वापस लग सकता हैं। साथ हीं, यह एप लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी मदद करेगा।
ऐप लॉन्च में कौन-कौन थे शामिल?
ऐप लॉन्च के दौरान, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, आयुष और महिला व बाल विकास राज्य मंत्री मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाऊ भी थे शामिल।