UPSC New Chairman: कौन हैं संघ लोक सेवा आयोग के नए चेयरमैन?

UPSC New Chairman: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को नया चेयरमैन मिल गया है, डॉ. अजय कुमार। वे 1985 बैच के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं और उनके पास 40 वर्षों से भी ज्यादा का प्रशासनिक अनुभव है। प्रीति सूदन के कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह पद खाली था, जिसे अब एक मजबूत और विजनरी लीडर ने संभाल लिया है। डॉ. अजय कुमार 2027 तक इस पद पर बने रहेंगे।

टेक्नोलॉजी बैकग्राउंड से प्रशासनिक शिखर

डॉ. अजय कुमार की एजुकेशनल बैकग्राउंड बेहद शानदार रही है। उन्होंने IIT कानपुर से बीटेक की डिग्री ली और फिर अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में PhD की। यानी तकनीक, अर्थशास्त्र और मैनेजमेंट तीनों का जबरदस्त मेल उनके प्रोफाइल में है।

रक्षा सचिव के रूप में मजबूत छाप

डॉ. अजय कुमार 23 अगस्त 2019 से 31 अक्टूबर 2022 तक भारत सरकार में रक्षा सचिव रहे। इस दौरान उन्होंने कई बड़े डिफेंस रिफॉर्म्स को लीड किया।

  • अग्निपथ योजना की शुरुआत
  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का निर्माण
  • आयुध निर्माणियों का निगमीकरण
  • आत्मनिर्भर भारत रक्षा पहल

इन सभी बड़े बदलावों में डॉ. अजय कुमार की सोच और रणनीति साफ झलकती है।

डिजिटल इंडिया के पीछे की सोच

डॉ. अजय कुमार सिर्फ डिफेंस ही नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और पब्लिक गवर्नेंस के क्षेत्र में भी अहम योगदान दे चुके हैं,

  • वे डिजिटल इंडिया अभियान के शुरुआती आर्किटेक्ट्स में से हैं।
  • आधार, MY GOV, और UPI जैसे प्रोजेक्ट्स में इनकी प्लानिंग और एग्जीक्यूशन रोल रहा।
  • वे नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी 2012 के मुख्य आर्किटेक्ट भी रहे हैं।

शुरुआत एक पब्लिक सेक्टर कंपनी से

डॉ. कुमार ने अपने करियर की शुरुआत केरल की पब्लिक सेक्टर कंपनी कैल्ट्रॉन से की थी। इसके बाद वे पलक्कड़ में कलेक्टर रहे और फिर केरल सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव के तौर पर कार्य किया। यही वो दौर था जब उन्होंने टेक्नोलॉजी और गवर्नेंस को एकसाथ जोड़ना शुरू किया।

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UPSC में उम्मीद की नई लहर

अब जब UPSC जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को एक अनुभवी, टेक-सेवी और रणनीतिक सोच वाले लीडर की कमान मिली है, तो यह उम्मीद की जा सकती है कि आयोग में पारदर्शिता, आधुनिकता और दक्षता का नया दौर शुरू होगा। सिविल सेवा चयन प्रक्रिया में संभावित सुधार, डिजिटलाइजेशन और एथिकल गवर्नेंस जैसे पहलू अब और मजबूत होंगे।

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Rishita Diwan

Content Writer

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