Smart Parenting Tips: एक कहावत है कि माता-पिता बच्चे के पहले शिक्षक और घर पहला स्कूल होता है। सीखन-समझने की नींव घर से ही डाली जाती है। ऐसे में आपका बच्चा किस दिशा में जा रहा है उसका निर्धारण कहीं न कहीं माता-पिता ही करते हैं। आजकल के माता-पिता पैरेंटिंग को लेकर ज्यादा ही परेशान रहते हैं। बढ़ते बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और सेल्फ डिपेंडेसी कैसे लाया जाए ये एक बड़ा सवाल होता है, तो अगर आप भी इन सवालों के जवाब खोज रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके काम आ सकता है…
जरूरी है 5 बातें बच्चों को सिखानी
स्मार्ट पैरेंटिंग टिप्स (Smart Parenting Tips) के जरिए हम ये बताना चाह रहे हैं, माता-पिता बच्चे के भविष्य को बनाने और बिगाड़ने दोनों के लिए जिम्मेदार होते हैं। कई बार जाने-अनजाने में बच्चे से माता-पिता कुछ ऐसा कह देते हैं जिससे उनके मन पर असर पड़ सकता है। अगर आपके बच्चे बड़े हो रहे हैं, तो आप इन स्टेप्स को फॉलो कर उनकी लाइफ Positive angle दे सकते हैं।
बच्चों को सिखाएं समय का महत्व
समय का महत्व सिर्फ बच्चों के लिए नहीं है बल्कि बड़ों के लिए भी है। आप अगर अपने बच्चों को समय पर हर काम करना सिखाना चाहते हैं तो आपको भी नियमों को पालन करना होगा। बच्चे आपसे ही सीखते हैं। आप बच्चों को समय पर उठना सिखाएं, समय रहते होमवर्क और प्रोजेक्ट्स को कंप्लीट करना सिखाएं। इन आदतों से बच्चे टाइम मैनेजमेंट (Time Management) सीखते हैं जो उनके आगे की लाइफ में काफी काम आते हैं। शुरूआत में आप अपने बच्चों को समय पर काम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। धीरे से ये उनकी आदत में शामिल हो जाएगा।
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प्रोत्साहन जरूरी
कई बार माता-पिता अपने जीवन में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें छोटी-छोटी बातें दिखाई नहीं देती है। अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो रुक जाइए। देखिए कि आपके बच्चे कौन सी उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। वो भले ही कितनी ही छोटी क्यों न हो उसे सेलीब्रेट करें। ऐसा कर आप उनको प्रोत्साहित करेंगे। उनमें आत्मविश्वास भरेंगे। स्मार्ट पैरेंटिंग टिप्स (Smart Parenting Tips) की ये सबसे अहम कड़ी है।
बच्चों की स्ट्रेंथ को पहचाने
बच्चे की कमजोरियों को जाने अनजाने माता-पिता उजागर कर देते हैं। ऐसा करने से बचिए। इस तरह आप उनमें हीन भावना भर देते हैं। बच्चे के स्ट्रेंथ को पहचानिए। उस पर काम कीजिए। ये देखें कि आपका बच्चा (Child) किस काम में माहिर है। बच्चे जिस काम में अच्छे होते हैं उसे लगन के साथ करते हैं, ये उनके क्रिएटिव हिस्से को निखारता है।
पर्सनल ग्रोथ के मायने समझाना जरूरी
स्मार्ट पैरेंटिंग टिप्स (Smart Parenting Tips) का ये भी एक जरूरी हिस्सा है। दरअसल आप बच्चों को ये तो सिखाते हैं कि अच्छे से पढ़ो, आगे बढ़ो, खेल में अच्छे रहो, मैथ में अच्छे रहो। लेकिन कोई ये नहीं सिखाता है कि अपने पर्सनल ग्रोथ की तरफ ध्यान दो। दरअसल भारतीय माता-पिता ये बात सिखाते ही नहीं है। जो सबसे जरूरी है। बच्चों को मानसिक रूप से स्ट्रांग बनाएं। उन्हें बताएं कि क्या बात उनके मन को अच्छी लगती है और क्या परेशान करती है उसके बारे में बात करें। उन्हें क्या पहनना है क्या खाना है कैसे बोलना है उसे सिखाने पर जोर देने के बजाय उसे मोरल वैल्यु से जोड़कर समझाने की कोशिश करें। ऐसा कर आपको बच्चों के व्यक्तित्व को निखारने का काम करेंगे।
कम्यूनिकेशन गैप न रखें
कई बार ऐसा होता है कि कुछ बातों पर बातचीत से पैरेंट्स भी बचते हैं। जो कि बिल्कुल भी स्मार्ट पैरेंटिंग (Smart Parenting Tips) नहीं है। हर जरूरी बात पर बात करें। माता-पिता और बच्चे आपस में अपनी बात शेयर कर सकें यह बेहद जरूरी है। पैरेंट्स बच्चों को वो कंफर्ट जोन दें जिसमें बच्चे अपने मन की बात अपने पैरेंट्स से सरलता से कह सकें। इससे आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं और बच्चे भावनात्मक रूप से मजबूत बनते हैं।
Positive सार
स्मार्ट पैरेंटिंग (Smart Parenting Tips) ये नहीं कि आप बच्चों को रेस में भागना सिखाएं, उन्हें ये सिखाएं कि जीतना या प्रतिस्पर्धा में बने रहना कितना मुश्किल है। बल्कि उन्हें ये समझाएं कि आप समाज को एक बेहतर दिशा देने वाले इंसान कैसे बन सकते हैं जिसमें आपका भी विकास हो रहा हो।