Jahnavi Dangeti: 2029 में अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगी जान्हवी!

Jahnavi Dangeti: आंध्र प्रदेश के एक छोटे से शहर पलकोल्लू में जन्मी जान्हवी डांगेती आज भारत की सबसे कम उम्र की एनालॉग एस्ट्रोनॉट हैं। उनकी कहानी सिर्फ अंतरिक्ष यात्रा की नहीं, बल्कि हिम्मत, मेहनत और हौसले की है। ऐसे समय में जब ज्यादातर लड़कियां इंजीनियरिंग या मेडिकल में सीमित करियर चुनती हैं, जान्हवी ने अपने लिए तारों से आगे चांद को लक्ष्य बनाया।

बचपन का सपना

जब जान्हवी सिर्फ 11 साल की थीं, तब उन्होंने NASA का नाम सुना। उसी दिन उन्होंने तय किया कि वो एक दिन अंतरिक्ष में जाएंगी। पर सपना सिर्फ सोचने से नहीं, मेहनत से पूरा होता है। यही बात जान्हवी ने साबित की।

दादी की कहानियों से प्रेरणा

जान्हवी की प्रेरणा उनकी दादी की कहानियों से शुरू हुई। जो तारे गिनने से भी आगे उन्हें तारों तक पहुंचने का सपना दिखा गईं। उनकी जर्नी सिर्फ एक स्पेस मिशन नहीं, बल्कि एक इमोशनल और मोटिवेशनल ट्रैक है।

हर दिन 25 किमी साइकलिंग

जान्हवी को जब पता चला कि एस्ट्रोनॉट्स को जीरो ग्रैविटी की ट्रेनिंग स्कूबा डाइविंग से मिलती है, तब उन्होंने खुद को ट्रेन करने का बीड़ा उठाया। वो हर दिन 25 किलोमीटर साइकिल चलाकर स्विमिंग पूल जाती थीं। नतीजा ये कि जान्हवी बनीं भारत की सबसे कम उम्र की एडवांस स्कूबा डाइवर।

NASA तक पहुंची भारत की बेटी

जान्हवी ने NASA के 10 दिवसीय छात्र कार्यक्रम में हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया। ऐसा करने वाली वो भारत की पहली छात्रा बनीं। जब उन्होंने वहां कदम रखा, उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे – क्योंकि उस दिन उन्हें यकीन हो गया कि आसमान अब दूर नहीं।

एनालॉग मून मिशन खास

साल 2022 में जान्हवी को पोलैंड में एनालॉग मून मिशन का हिस्सा बनने का मौका मिला। ये एक ऐसा मिशन था जिसमें चांद जैसी परिस्थितियों में रहकर खुद को टेस्ट करना होता है। जान्हवी ने इस मिशन को सक्सेसफुली कम्प्लीट किया और खुद को एक रियल स्पेस एस्पिरेंट साबित किया।

अंतरिक्ष में पहली उड़ान

जान्हवी अब 2029 में टाइटन्स स्पेस मिशन के तहत लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) मिशन का हिस्सा बनेंगी। इस मिशन में वो पृथ्वी की दो बार परिक्रमा, 3 घंटे जीरो ग्रैविटी में फ्लोटिंग, और एक ही दिन में दो सूर्योदय और दो सूर्यास्त का अनुभव करेंगी।

कल्पना चावला से तुलना

फ्लोरिडा में एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री ने जान्हवी की तुलना कल्पना चावला से करते हुए कहा,

“तुम्हारे अंदर मुझे छोटी कल्पना चावला दिखती है।” यह बयान जान्हवी के लिए सिर्फ तारीफ नहीं, बल्कि एक दिशा और जिम्मेदारी भी है।

एक सपना

जान्हवी की कहानी हर उस लड़की के लिए है जो सपने तो देखती है, पर हालात या माहौल से डर जाती है। जान्हवी ने दिखाया कि अगर जिद हो, तो छोटे शहर की बेटियां भी बड़े ब्रह्मांड का हिस्सा बन सकती हैं। जान्हवी डांगेती आज सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक प्रेरणा का प्रतीक हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और सपनों के साथ कोई भी फिजिक्स के लॉ को पीछे छोड़ सकता है।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *