38th National Games: उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जिले के खटीमा क्षेत्र के वन चेतना स्टेडियम में आयोजित 38वीं नेशनल गेम्स में छत्तीसगढ़ की बालिका खिलाड़ियों ने मल्लखंब खेल में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया। यह उपलब्धि राज्य के लिए गर्व का कारण बन गई और भारतीय खेलों के मानकों में छत्तीसगढ़ की महिला खिलाड़ियों की दृढ़ता और कौशल को प्रदर्शित किया।
एक प्राचीन खेल
मल्लखंब भारतीय परंपरा का एक प्राचीन खेल है, जो खिलाड़ियों की शारीरिक मजबूती, संतुलन, लचीलापन और एकाग्रता को जांचता है। इस खेल में खिलाड़ी लकड़ी के खंबे पर विभिन्न प्रकार के आसन और करतब करते हैं। मल्लखंब ने न केवल भारतीय खेलों में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी महत्ता बढ़ी है। इस खेल का अभ्यास भारतीय खेल संस्कृति के एक अभिन्न हिस्से के रूप में किया जाता है।
छत्तीसगढ़ की बालिका खिलाड़ियों का संघर्ष
38वीं नेशनल गेम्स में छत्तीसगढ़ की बालिका खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और कांस्य पदक हासिल किया। इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि राज्य की महिला खिलाड़ी न केवल उत्कृष्टता के लिए संघर्ष करती हैं, बल्कि अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से बड़े मंचों पर चमकने की क्षमता रखती हैं। उनकी मेहनत और साहस ने पूरे राज्य को गर्व महसूस कराया।
छत्तीसगढ़ की विजेता टीम में शामिल खिलाड़ियों ने अपनी कड़ी मेहनत से यह जीत हासिल की। उनके नाम हैं,
- संताय् पोटाई (नारायणपुर)
- सरिता पोयाम (ओरछा)
- दुर्गेश्वरी कुमेटी (कुंदला)
- अनिता गोटा (न्यानार्, रेमावंड्)
- मोनिका पोटाई (मातला, बेनूर)
- शिक्षा दिनकर (जांजगीर चांपा)
इन खिलाड़ियों ने न केवल अपनी तकनीकी कुशलता से बल्कि मानसिक दृढ़ता से भी इस खेल को शानदार तरीके से खेला। उनके खेल में जो ताकत और ऊर्जा थी, वह प्रेरणा देने वाली थी।
कोच और प्रबंधक का योगदान
इस सफल टीम के पीछे उनके कोच और प्रबंधकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मनोज प्रसाद और प्रेमचंद शुक्ला जैसे अनुभवी कोचों ने खिलाड़ियों को सही मार्गदर्शन दिया और उनका आत्मविश्वास बढ़ाया। टीम की प्रबंधक शांति साहू ने खिलाड़ियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा, जिससे खिलाड़ी अपनी श्रेष्ठता को साबित कर सके।
राज्य का समर्थन
Abujhmad Mallakhamb Academy का वर्ल्ड रिकॉर्ड!
इस ऐतिहासिक उपलब्धि में छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ और राज्य सरकार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, बृजमोहन अग्रवाल, विजय बघेल, केदार कश्यप, और अन्य सम्मानित व्यक्तियों ने पदक विजेता खिलाड़ियों और कोचों को अपनी शुभकामनाएं दी। राज्य सरकार और छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के निरंतर प्रयासों से राज्य के खेल क्षेत्र में सुधार हुआ है और खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमा रहे हैं।
महिला खिलाड़ियों का संघर्ष
यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह राज्य की महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। छत्तीसगढ़ की महिला खिलाड़ियों ने हमेशा से ही अपने संघर्ष, समर्पण और उत्कृष्टता को प्रदर्शित किया है। उनके खेलों में जो संघर्ष है, वह हर किसी को प्रेरित करता है कि वह अपने सपनों को साकार करने के लिए किसी भी कठिनाई का सामना करने के लिए तैयार रहे।
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एक नई दिशा की ओर
छत्तीसगढ़ की बालिका खिलाड़ियों की यह उपलब्धि न केवल एक खेल जीत है, बल्कि यह राज्य की महिला खिलाड़ियों के लिए नई राहों का उद्घाटन है। मल्लखंब खेल में कांस्य पदक जीतने के बाद अब छत्तीसगढ़ की युवा खिलाड़ियों में और भी उत्साह और आत्मविश्वास है। यह राज्य के खेल क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करने की दिशा में एक कदम है, जो भविष्य में और भी बड़ी सफलताओं को जन्म देगा।