Sidhkhol Waterfall: कहां है छत्तीसगढ़ का नया इको-टूरिज्म?

Sidhkhol Waterfall: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित सिद्धखोल जलप्रपात अब केवल प्राकृतिक नज़ारों का आनंद लेने की जगह नहीं रहा, बल्कि इसे इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने की पहल शुरू हो चुकी है। इसका उद्देश्य है – प्रकृति की सुंदरता को बनाए रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर देना।

फोकस में पर्यावरण और पर्यटक दोनों

वनमंडलाधिकारी गणवीर धम्मशील ने जलप्रपात का निरीक्षण कर वहां इको टूरिज्म की संभावनाओं को पहचाना और परिक्षेत्र अधिकारी सोनाखान को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। इस योजना में मुख्य रूप से दो बातें शामिल हैं,

  • पर्यटकों की सुविधाएं और सुरक्षा।
  • प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट।

शुरू हुई एक अनोखी पहल

इको टूरिज्म का मतलब सिर्फ सुंदर जगहों पर घूमना नहीं, बल्कि वहां की साफ-सफाई और पर्यावरण की रक्षा में सहभागी बनना भी है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक वेस्ट कंट्रोल के लिए एक स्मार्ट सिस्टम लागू किया गया है –

  • जो पर्यटक प्लास्टिक की बोतल लेकर आएंगे, उनसे जांच नाके पर थोड़ा शुल्क लिया जाएगा।
  • उन्हें एक स्टीकर लगी प्लास्टिक पॉलीथिन दी जाएगी।
  • वापसी में जब वे वही बोतल वापस करेंगे, तो उनका शुल्क लौटा दिया जाएगा।
  • इस पहल का मुख्य मकसद है कि कोई भी पर्यटक प्लास्टिक वेस्ट फेंके नहीं, बल्कि उसे वापसी में जमा करे।

रोजगार का नया रास्ता

कुकरीकोना वन प्रबंधन समिति को इस प्रोजेक्ट में जोड़कर स्थानीय युवाओं और ग्रामीणों को रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत,

  • जलप्रपात की देखरेख और पर्यटकों की सहायता में स्थानीय युवाओं की तैनाती होगी
  • इससे वन क्षेत्र की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी और ग्रामीणों को आर्थिक मदद भी मिलेगी।

महिला समूहों को मिलेगा जिम्मा

पर्यटन को गांव से जोड़ने के प्रयास में महिला स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल किया जा रहा है। इनके द्वारा

  • कैंटीन चलाने की योजना बनाई गई है जिससे स्वच्छ और स्थानीय खानपान पर्यटकों को मिल सके।
  • टिकटिंग व्यवस्था में सुधार भी इन्हीं के सहयोग से होगा।
  • इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा और स्थानीय संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।

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नेचर लवर्स के लिए नया डेस्टिनेशन

सिद्धखोल जलप्रपात न केवल एक पिकनिक स्पॉट है, बल्कि अब यह एक ऐसा स्थल बन रहा है जहां लोग नेचर, रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म और लोकल कम्युनिटी के योगदान को करीब से देख सकते हैं। यहां आने वाले टूरिस्ट अब केवल फोटो क्लिक नहीं करेंगे, बल्कि वे प्रकृति की रक्षा में सक्रिय भूमिका भी निभाएंगे।

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Rishita Diwan

Content Writer

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