Mahakumbh 12 States Paviilion : महाकुंभ 2025 का राज्य मंडपों के माध्यम से भारत की विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाया जा रहा है ।
हर पवेलियन उस राज्य की विशिष्ट कला, परंपरा, खानपान, और लोक संस्कृति का परिचय करा रहा है और लोगों के लिए भारत दर्शन का अनूठा अनुभव प्रस्तुत कर रहा।
ऐतिहासिक धरोहरों और मेहमाननवाजी का संगम
महाकुंभ 2025 का यह भव्य आयोजन लगभग 25 किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों की सांस्कृतिक धरोहरें और परंपराएं अपने अनोखे अंदाज में प्रदर्शित की जा रही हैं। आयोजन स्थल को अलग-अलग सेक्टरों में विभाजित किया गया है, और हर सेक्टर अपनी विशेष पहचान और सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। सेक्टर 7 महाकुंभ के सबसे खास और रंगीन क्षेत्रों में से एक है, जहां भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलकियां देखने को मिल रही हैं
पारंपरिक नृत्य और वेशभूषा
- लेह का शोंडोल नृत्य – दुनिया का सबसे बड़ा सामूहिक नृत्य, जो लेह-लद्दाख की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है
- नागालैंड की पारंपरिक वेशभूषा में चांगलो नृत्य का प्रदर्शन
- दादरा और नगर हवेली – जनजातीय नृत्य और संगीत का प्रदर्शन
- छत्तीसगढ़ – पंथी और सुवा जैसे पारंपरिक लोक नृत्य
- गुजरात- गरबा और डांडिया की रंगीन प्रस्तुतियां
- गुजरात की पारंपरिक कढ़ाई और कच्छ के हस्तशिल्प
- मध्य प्रदेश -बधाई और तेरहताली नृत्य के साथ बघेली और मालवी संस्कृति का प्रदर्शन
- आंध्र प्रदेश – कुचिपुड़ी नृत्य की भव्य प्रस्तुति
- उत्तराखंड-छोलिया नृत्य और जागर लोक संगीत का प्रदर्शन
- राजस्थान-घूमर और कालबेलिया नृत्य के साथ शाही राजस्थानी परंपरा का प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ पवेलियन
गौर मुकुट से सजा है छत्तीसगढ़ पवेलियन जहाँ छत्तीसगढ़ की संस्कृति और लोक कला देखने मिलती है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रयागराज महाकुंभ में यह अनूठी पहल की है। निःशुल्क व्यवस्थाएं छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और दूरदराज के श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से लाभदायक हैं। राज्य की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का यह एक प्रभावी माध्यम है।
राजस्थान का पवेलियन
राजस्थान का पवेलियन न केवल राज्य की विरासत, कला, और संस्कृति को प्रस्तुत कर रहा है, बल्कि देशभर से आए लोगों के लिए राजस्थान के इतिहास और परंपराओं को नजदीक से जानने का अवसर भी दे रहा है। अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और अतिथि सत्कार के कारण दर्शकों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बना है। यह पवेलियन न केवल राजस्थान की शाही परंपराओं को प्रदर्शित कर रहा है, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को एक यादगार अनुभव भी प्रदान कर रहा है। राजस्थान के पवेलियन में राज्य की प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरों की अद्भुत झलकियां प्रस्तुत की गई हैं जैसे हवा महल, चित्तौर किला इत्यादि.
Positive सार
महाकुंभ के इस आयोजन ने भारतीय संस्कृति को संगम की रेत पर एक मंच पर प्रस्तुत किया है, जहां श्रद्धा और मनोरंजन का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है।