Madheshwar Pahad: छत्तीसगढ़ के मधेश्वर पहाड़ को अब पूरी दुनिया जानने लगी है। क्योंकि इसे मिला है गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में “लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग” का दर्जा यानी कि ये पहाड़ शिवलिंग की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति है। जानते हैं छत्तीसगढ़ में कहां है मधेश्वर पहाड़ और क्या है इसकी खासियत साथ ही ये भी जानेंगे क्यों इसे मिला गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
जशपुर में है सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग
जशपुर जिले के मधेश्वर पहाड़ को हाल ही में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में “लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग” के रूप में स्थान प्राप्त हुआ है। ये ऐतिहासिक उपलब्धि राज्य के लिए गर्व की बात है और प्रदेश के पर्यटन को एक नया आयाम देने वाली है।
प्राकृतिक संरचना के लिए प्रसिद्ध
मधेश्वर पहाड़ शिवलिंग के आकार में अपनी प्राकृतिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है। यही वजह है कि अब दुनिया भर में इसकी खास पहचान बना चुकी है। इस रिकॉर्ड को मान्यता मिलने के बाद, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे प्रदेशवासियों के लिए गर्व की बात बताया। साथ ही, इस उपलब्धि को छत्तीसगढ़ के पर्यटन के विकास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार दिया।
आस्था और प्रकृति का संगम
मधेश्वर पहाड़ जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक के मयाली गांव से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है। यह स्थान धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां स्थानीय लोग इसे दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजते हैं। शिवलिंग की यह अद्भुत प्राकृतिक प्रतिकृति न केवल भक्तों को आकर्षित करती है, बल्कि पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकिनों के लिए भी एक रोमांचक स्थल बन गया है।
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह स्थान हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ पर पहाड़ी इलाके, घने जंगल और शांति से भरपूर वातावरण मिलता है, जो पर्यटकों को प्रकृति के साथ जुड़ने का एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है।
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधियों हेमल शर्मा और अमित सोनी ने हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की और उन्हें मधेश्वर पहाड़ के इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट
जशपुर जिले का पर्यटन विस्तार
मधेश्वर पहाड़ की इस उपलब्धि के बाद, जशपुर जिले के पर्यटन की संभावनाएँ और भी बढ़ गई हैं। हाल ही में, जशपुर जिले को ईज़ी माई ट्रिप जैसी लोकप्रिय पर्यटन वेबसाइट पर शामिल किया गया है। यह छत्तीसगढ़ का पहला जिला है जिसे इस वेबसाइट पर जगह मिली है। इससे पर्यटकों को जशपुर के नैसर्गिक स्थलों की जानकारी आसानी से मिलेगी, और यहाँ का पर्यटन उद्योग और भी प्रगति करेगा।
पर्यटन के नए आयाम
मधेश्वर पहाड़ के अलावा, जशपुर जिले में और भी कई पर्यटन स्थल हैं जो रोमांचक खेलों और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। यहाँ की पहाड़ियाँ, झीलें, और घने जंगल उन पर्यटकों के लिए आदर्श स्थल हैं जो एडवेंचर स्पोर्ट्स, ट्रैकिंग, और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करना चाहते हैं।
Positive सार
मधेश्वर पहाड़ छत्तीसगढ़ की एक ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर के रूप में उभरा है। यह न केवल राज्य के लिए गर्व की बात है, बल्कि देश और दुनिया भर के पर्यटकों के लिए एक आकर्षण केंद्र बन गया है। अब, जब यह स्थान गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है, तो यह निश्चित रूप से जशपुर जिले के पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएगा।