Kanger Valley National Park: आदिम संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा बस्तर पर्यटन के लिहाज से काफी खूबसूरत है। बस्तर के टूरिस्ट स्पॉट में से एक है कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति और जैवविवधता का एक सुंदर संगम है। यहां आने वाले पर्यटकों को एक अलग ही अहसास होता है। घने जंगल, पहाड़ियों से घिरे गांव और जलप्रपात कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान का खूबसूरत हिस्सा है। पुराने गुफा भी यहां आपको नजर आएंगे।
कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान
(Kanger Valley National Park)
कांगेर घाटी को साल 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त किया। ऊँचे पहाड़ , गहरी घाटियाँ, विशाल पेड़ और मौसमी जंगली फूलों एवं वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियां यहां देखने को मिलती है। कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान एक मिश्रित नम पर्णपाती प्रकार (moist deciduous type) के वनों का एक विशिष्ट उदाहरण है। यहां साल ,सागौन , टीक और बांस के पेड़ असंख्य रूप में मौजूद हैं। यहाँ की सबसे लोकप्रिय प्रजातियां हैं बस्तर मैना जो इंसानों की तरह ही आवाज निकालती हुई प्रतीत होती है। छत्तीसगढ़ की राज्य पक्षी, बस्तर मैना, एक प्रकार का हिल माइन (ग्रुकुला धर्मियोसा) है। कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान दोनों प्रवासी और निवासी पक्षियों का घर है।
रोचक गुफाओं का सफर
वन्यजीवन और पौधों के अलावा, यह राष्ट्रीय उद्यान तीन असाधारण गुफाओं की वजह से भी विश्व प्रसिद्ध है। कुटुम्बसर, कैलाश और दंडक-स्टेलेग्माइट्स और स्टैलेक्टसाइट्स के आश्चर्यजनक भूगर्भीय संरचनाओं वाली गुफा। कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान ड्रिपस्टोन और फ्लोस्टोन के साथ भूमिगत चूना पत्थर की गुफाओं की उपस्थिति के लिए भी अपनी खास पहचान रखता है। गुफा, वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियों के लिए आश्रय हैं। राष्ट्रीय उद्यान के पूर्वी हिस्से में स्थित भैंसाधार में रेतीले तट भी पर्यटकों को खूब भाते हैं।
तीरथगढ़ है एक अनोखा आकर्षण
तीरथगढ़ झरना कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान (Kanger Valley National Park) में ही स्थित है। इसके साथ ही साथ केंजरधार और भैंसाधार मगरमच्छ पार्क के लिए लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है। पार्क की प्राकृतिक सुंदरता का पता लगाने के लिए जिप्सी सफारी पर्यटकों के लिए मिल जाती है।
कयाकिंग का ले सकते हैं मजा
कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान (Kanger Valley National Park) आने वाले पर्यटक रोमांच के साथ कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के प्रकृति और जैव- विविधता को करीब से देखने के लिए कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान में मौजूद कयाकिंग (Kayaking) का इस्तेमाल कर सकते हैं। कांगेर घाटी नेशनल पार्क के धुड़मारास में पर्यटकों के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए रिवर राफ्टिंग (River Rafting) और कयाकिंग (Kayaking) की शुरुआत की गई है।
धुड़मारास गांव जरूर जाएं
कांगेर घाटी नेशनल पार्क से लगे धुड़मारास में इको -विकास समिति ने स्थानीय रूप से ही कयाकिंग की शुरुआत की है, जिससे बस्तर आने वाले पर्यटकों को एक नया रोमांच का अनुभव होगा। कयाकिंग का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटकों को दरभा रोड से पैदावाड़ा बेरियर होते हुए धुड़मारास पहुंचना पड़ेगा।
कांगेर नदी में कयाकिंग का सफर
ईको -विकास समिति ने कयाकिंग (Kayaking) एडवंचर्स के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये का शुल्क निर्धारित किया है। यहां पर्यटक कयाकिंग (Kayaking) का आनंद ले सकते हैं। कांगेर घाटी नेशनल पार्क (Kanger Valley National Park) के अनुसार पर्यटकों को अब रोमांच के साथ कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के प्रकृति और जैव- विविधता को करीब से देखने का मौका मिलता है। इसके साथ ही पर्यटकों के रुकने के लिए स्थानीय युवाओं के द्वारा होम स्टे का भी संचालन हो रहा है। इन होम स्टे में पर्यटक बस्तरिया व्यंजन के साथ-साथ बस्तर के आदिवासी कल्चर का भी आनंद ले सकते हैं। रुकने के लिए आदिवासी हर्ट्स की भी सुविधा यहां दी गई है। पर्यटक यहां लगभग सभी सीजन में आते हैं इससे आदिवासी युवाओं को रोजगार के भी मौके मिल रहे हैं।

