Chhattisgarh Tredition: छत्तीसगढ़ का अनोखा लोकपर्व ‘मातर’

Chhattisgarh Tradition: छत्तीसगढ़ में मातर तिहार दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा के अगले दिन मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से यादव (राउत, ठेठवार, पहटिया) समुदाय द्वारा मनाया जाता है, लेकिन अन्य समाज के लोग भी इसमें खुशी-खुशी भाग लेते हैं। मातर का अर्थ है – “मा” यानी माता और “तर” यानी शक्ति का जागरण। इस दिन विशेष रूप से गौ माता की पूजा और सम्मान किया जाता है।

Chhattisgarh Tradition

मातर तिहार का धार्मिक महत्व

मातर तिहार में गौ माता को देवी के रूप में पूजा जाता है। वेदों में कहा गया है, “गावो विश्वस्य मातरः”, यानी गाय सम्पूर्ण विश्व की माता है। इस दिन गाँव में लकड़ी के बने परिवार देवता ‘खुड़हर देव’ की स्थापना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे गाँव और गायों की समृद्धि और सुरक्षा होती है।

गायों को विशेष माला ‘सोहई’ और ‘दुहर’ पहनाई जाती है और उनके लिए नया अनाज भोग के रूप में अर्पित किया जाता है। गाय के गोबर से तिलक करने की परंपरा शुभता, शुद्धि और संरक्षण का प्रतीक मानी जाती है।

सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराएं

त्योहार के दिन गाँव के गोठान में सभी लोग पारंपरिक वेशभूषा जैसे- रंगीन पगड़ी, कौड़ी और मोरपंख वाली सजावट, पैरों में घुंघरू में इकट्ठा होते हैं। राउत समाज दोहा पाठ करता है और नृत्य के माध्यम से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देते हैं।

  • ‘लाठी झोकना’ जैसी पारंपरिक कलाएँ इस पर्व का अहम हिस्सा हैं। लोग ढाल रूपी ‘फरी’ पहनकर करतब दिखाते हैं, जिससे किसी को चोट न लगे।
  • एक खास परंपरा के अनुसार बड़े कुम्हड़े (कद्दू) को गायों के पैरों के बीच रखकर ठोकर लगवाकर फोड़ा जाता है। इससे बनी सब्जी प्रसाद के रूप में गाँव में बाँटी जाती है।
  • रातभर गायन, लोक संगीत और सामूहिक भोजन का आयोजन होता है। गाँव में मेलों जैसा माहौल बन जाता है और सभी समुदाय एक साथ सांस्कृतिक उत्सव का आनंद लेते हैं।

ग्रामीण जीवन और मातृशक्ति का उत्सव

मातर तिहार केवल धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जीवन, समाजिक एकता और लोक संस्कृति का प्रतीक भी है। यह पर्व गाँव में भाईचारे, सहयोग, पशुधन के प्रति सम्मान और प्राकृतिक जीवन के प्रति आस्था को मजबूत करता है।

छत्तीसगढ़ का मातर तिहार इसलिए खास है क्योंकि यह न केवल गौ माता की पूजा का अवसर देता है, बल्कि समुदाय और संस्कृति की साझेदारी को भी प्रोत्साहित करता है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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