नुआ उजर: दंतेवाड़ा में पर्यटन की नई पहचान!

दंतेवाड़ा जिला, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, और अब यह एक अभिनव पहल “नुआ उजर” के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों की नजरों में और भी प्रमुख हो गया है। इस कार्यक्रम ने सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स, यूट्यूबर्स और इंफ्लुएंसर्स को दंतेवाड़ा के अनूठे पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक धरोहर और लोक कला से परिचित कराते हुए जिले के पर्यटन को नई दिशा दी है।

कार्यक्रम का उद्देश्य और आयोजन

दंतेवाड़ा जिला प्रशासन ने “नुआ उजर” के तहत 24 जनवरी से 27 जनवरी तक एक विशेष आयोजन का सफल आयोजन किया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य दंतेवाड़ा के प्राकृतिक परिदृश्य, ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक विरासत को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाना था। दिल्ली, जम्मू, लखनऊ, छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न जिलों के सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स और स्थानीय कलाकारों ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर जिले की अनूठी पहचान को सामने लाया।

स्थानीय कला, संस्कृति और पर्यटन की झलक

कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को दंतेवाड़ा के कई महत्वपूर्ण स्थानों का भ्रमण कराया गया,

  • 24 जनवरी: मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर, कुम्हाररास जलाशय और माटीकला केंद्र का दौरा कर कुम्हारों की जीवनशैली और उनकी कला से परिचित कराया गया।
  • 25 जनवरी: बचेली स्थित बैलाडीला की खदान, आकाश नगर, और मलांगिर जलप्रपात के माध्यम से खनिज संसाधनों और प्राकृतिक सौंदर्य का अवलोकन कराया गया।
  • 26 जनवरी: गणतंत्र दिवस समारोह में भागीदारी के पश्चात ढोलकल गणेश मंदिर का ट्रैकिंग एवं सातधारा जलप्रपात के समीप इको कैंपिंग आयोजित की गई।
  • 27 जनवरी: बारसूर में बत्तीसा मंदिर, मामा भांचा मंदिर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों का भ्रमण कराया गया, जिससे जिले की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता पर रोशनी डाली गई।

नाइट कैंपिंग और लोक अनुभव

“नुआ उजर” कार्यक्रम का एक अनूठा पहलू नाइट कैंपिंग रहा, जहाँ प्रतिभागियों ने दंतेवाड़ा की शांत और सुरम्य रात का अनुभव किया। इको कैंपिंग के दौरान, बोनफायर के साथ लोक नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक चर्चाओं ने स्थानीय संस्कृति की गहराई को उजागर किया। यह अनुभव न केवल मनोरम था, बल्कि स्थानीय जीवनशैली और परंपराओं को समझने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करता है।

सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स की भूमिका

इस कार्यक्रम में सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर दंतेवाड़ा की सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के बारे में रचनात्मक और प्रभावशाली कंटेंट साझा किया गया, जिससे जिले को नए दर्शकों तक पहुंचने में मदद मिली। इन क्रिएटर्स ने न केवल दंतेवाड़ा की प्राकृतिक छटा और ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया, बल्कि स्थानीय कला और परंपराओं को भी विश्व मंच पर प्रस्तुत किया।

भविष्य के अवसर और स्थानीय विकास

“नुआ उजर” पहल ने यह सिद्ध कर दिया है कि दंतेवाड़ा केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक संसाधनों का समृद्ध केंद्र भी है। इस कार्यक्रम से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और दंतेवाड़ा के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद मिलेगी। जिले की अनूठी पहचान ने सभी प्रतिभागियों को गहराई से प्रभावित किया, और भविष्य में ऐसे प्रयासों से क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा।

Positive सार

दंतेवाड़ा जिला प्रशासन का “नुआ उजर” कार्यक्रम एक सफल कदम रहा है जिसने जिले की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय परंपराओं को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाया। सोशल मीडिया क्रिएटर्स के योगदान से दंतेवाड़ा अब एक नए पर्यटन केंद्र के रूप में उभरकर सामने आया है, जो आर्थिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक पहचान को भी सुदृढ़ करेगा।

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Rishita Diwan

Content Writer

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