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यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) में एक नया सिक्योरिटी फीचर जोड़ा है, जिसके तहत AEPS के जरिए पैसा निकालने के लिए फेक फिंगरप्रिंट्स के यूज को रोकने में हेल्प होगी। इस फीचर का नाम फिंगरप्रिंट ‘लाइवलीनेस’ है।
PoS मशीनों में नया फीचर
खबरों के मुताबिक इस नए सिक्योरिटी फीचर को सॉफ्टवेयर अपग्रेड के जरिए AEPS पॉइंट ऑफ सेल (PoS) मशीनों में दर्ज कर दिया गया है। अब PoS यह निर्धारित करने की कैपेसिटी रखेगा कि इस्तेमाल किया जा रहा फिंगरप्रिंट किसी जीवित व्यक्ति का है या फिर नहीं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि धोखाधड़ी के उदाहरण बहुत कम ही (लगभग 0.005 प्रतिशत) हैं।
AEPS के इनेबल्ड होने से लेकर अब तक 1,507 करोड़ से ज्यादा के बैंकिंग ट्रांजैक्शंस हो गए हैं। इसलिए सिस्टम में लगभग 7.54 लाख धोखाधड़ी वाले लेनदेन किए गए हैं। देश भर में AEPS के दुरुपयोग की कई रिपोर्टों के बाद नए सिक्योरिटी फीचर को तेजी से ट्रैक और लागू हुआ था।
फिंगरप्रिंट्स से धोखाधड़ी
रिपोर्टों की मानें तो, धोखाधड़ी वाले लेनदेन को फिंगरप्रिंट्स का यूज करके किया गया, जो सिलिकॉन पैड पर क्लोन हुए थे। इन फिंगरप्रिंट्स के निशान को लैंड ट्रांसजेक्शन रिकॉर्ड्स से कॉपी किया गया, जिसे लैंड-रेवेन्यू डिपार्टमेंट्स की वेबसाइटों पर अपलोड कर दिया गया था।
अवैध लेनेदेन होगा ट्रैक
इस फीचर के जानकार लोगों का कहना है कि नए सिक्योरिटी फीचर से धोखाधड़ी वाले फिंगरप्रिंट और अवैध लेनदेन को ट्रैक करने में हेल्प होगी। इसलिए यह बेहतर ऑथेंटिकेशन और सिक्योरिटी को सुनिश्चित कर सकेगा।