अब चंद्रमा के अंधेरे हिस्से के भी कई राज खुलेंगे। इसके लिए इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) जापानी स्पेस एजेंसी JAXA के साथ मिलकर काम करने की तैयारी में है। इसके साथ ही ISRO शुक्र ग्रह (वीनस) और सूर्य के लिए भी मिशन की तैयारी कर रहा है। यह जानकारी फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के डायरेक्टर ने देहरादून के एक कॉन्फ्रेंस में दी।
चांद पर भेजे जाएंगे लैंडर और रोवर
मिली जानकारी के अनुसार ISRO वैसे ही चंद्रयान-3 को चांद पर भेजने की फाइनल स्टेज में है। इसे 2023 में लॉन्च किया जा सकता है। इसके बाद स्पेस एजेंसी चांद के उन इलाकों को भी एक्सप्लोर करेगी, जहां हर वक्त अंधेरा होता है। इन्हें परमानेंटली शैडोड रीजन्स (PSR) के नाम से जाना जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यहां अंतरिक्ष के कई राज खुल सकते हैं।
ISRO और JAXA मिलकर चंद्रमा पर लैंडर और रोवर का कॉम्बिनेशन भेजने वाले हैं। शुरुआती प्लानिंग के अनुसार यह दोनों ही चीजें ISRO तैयार करेगी। वहीं, इन्हें चांद पर लैंड कराने की जिम्मेदारी जापान को मिली है। जापानी रॉकेट के द्वारा इसकी लॉचिंग होगी। यह चंद्रमा के साउथ पोल के पास लैंड होगा। जिसके बाद रोवर PSR इलाकों में चला जाएगा।
शुक्र और सूर्य पर की जाएगी रिसर्च
मंगल ग्रह (मार्स) के लिए मंगलयान मिशन पूरा होने के बाद अब ISRO शुक्र पर भी रिसर्च करने वाला है। शुक्र को पृथ्वी का जुड़वा कहते हैं। ऐसे में प्लैनेट्स को क्लाइमेट चेंज कैसे प्रभावित करता है, इसके लिए वीनस एकदम अनुकूल केस स्टडी साबित हो सकता है।
स्पेस एजेंसी आदित्य L-1 नाम के मिशन पर भी काम कर रही है। इसके तहत 400 किलोग्राम का सैटेलाइट सूर्य की कक्षा में छोड़ने की तैयारी है। यह कक्षा धरती से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मिशन की मदद से वैज्ञानिक सूर्य से निकलने वाली हवा, रेडिएशन, हीटिंग पैटर्न, सोलर स्टॉर्म और उसके मौसम पर रिसर्च करेंगे।