भारत स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। यही वजह है कि आज भारत की पहचान दुनिया के दूसरे सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता के तौर पर है। ऐसे में अब भारत का लक्ष्य अब आईटी हार्डवेयर के मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट के विस्तार पर है।
PLI 2.0 से होगा लाभ
बड़ी आईटी कंपनियों द्वारा भारत में अपने प्रोडक्ट बनाने से संबंधित सरकार के प्रयास काफी सफल रहे हैं। पीएलआई 2.0 योजना के तहत करीब 40 आवेदन सरकार के पास जमा हुए हैं। जिनमें प्रमुख वैश्विक आईटी और डोमेस्टिक बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इसके साथ ही डेल, एचपी, आसुस और एसर जैसी दुनिया की कुछ सबसे बड़ी आईटी कंपनियों ने पीएलआई 2.0 योजना के लिए भी आवेदन किया है। इससे पता चलता है कि वे भारत में कंप्यूटर निर्माण में अपनी रूचि दिखा रहे हैं।
आईटी हार्डवेयर के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा देश
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता के रूप में फिलहाल स्थापित है। भारत लैपटॉप, सर्वर और टैबलेट जैसे आईटी हार्डवेयर में भी वही दर्जा हासिल करना चाहता है। पीएलआई योजना इसी मिशन का एक हिस्सा है। भारत की ये कोशिश है कि बड़ी आईटी कंपनियां भारत में अपने प्रोडक्ट का निर्माण करें और उन्हें भारत से एक्सपोर्ट करें। इससे नौकरियों और निवेश के अवसर आएंगे।
डेल और एचपी जैसी प्रमुख आईटी कंपनियां इस योजना का सीधा हिस्सा बन रही हैं। जबकि एचपीई, लेनोवो, एसर, असुस, थॉमसन जैसी अन्य कंपनियां भारत में विनिर्माण सुविधाओं वाली ईएमएस कंपनियों के जरिए भाग ले रही हैं। इसे पैगेट (डिक्सन), वीवीडीएन, नेटवेब, सिरमा, ओपिएमस, सहस्र, नियोलिन्क, पैनाके, सोजो (लावा) जैसी डोमेस्टिक कंपनियां हेल्प कर रही हैं।
भारत के पास 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य
हाल ही में एक केंद्रीय मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार ने भारत में आईटी हार्डवेयर विनिर्माण इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए स्टार्टअप, उद्योग जगत और शिक्षाविदों के साथ मिलकर काम किया है। भारत का लक्ष्य 2026 तक 300 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग और 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने का है। उद्योग इनपुट के साथ विकसित आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन के तौर पर काम कर रहा है। आज भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजारों में से एक है, इसके लिए भारतीय अर्थव्यवस्था, सरकार और सार्वजनिक सेवाओं के तेजी से डिजिटलीकरण की तरफ बढ़ रहे हैं।
PLI 2.0 के लिए 17,000 करोड़ रुपये की राशि
भारत सरकार ने मई में आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना को मंजूरी दी थी, जिसके लिए 17,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह आवंटन 2021 की योजना के बजट की तुलना से ज्यादा है।