भारत में ग्रो कर रहा है अंतरिक्ष टूरिज्म, अगले 3 सालों में MP या कर्नाटक से होगी शुरुआत


आजकल स्पेस को लेकर काफी जागरुकता आई है। लोग अंतरिक्ष के बारे में जानने के लिए आगे आ रहे हैं। और इसीलिए अब भारत में भी स्पेस टूरिज्म का प्रचलन बढ़ रहा है। जिसके लिए एक भारतीय कंपनी स्पेस टूरिज्म की प्लानिंग कर रही है। स्पेस औरा एरोस्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी ने देहरादून में इसी महीने हुई साइंस एग्जिबिशन में इसके मॉडल को लॉच किया है।

कंपनी की तरफ से बताया गया है कि वो बैलून और कैप्सूल के जरिए लोगों को स्पेस की सैर करवाने की तकनीक पर काम किया जा रहा है। हो सकता है कि इसे 2025 तक लॉन्च किया जा सके। इस टूरिज्म

मुंबई की कंपनी के प्रोजेक्ट में ISRO कर रहा है मदद

भारत की इस स्पेस टूरिज्म प्रोजेक्ट का नाम SKAP-1 रखा गया है। कंपनी के फाउंडर आकाश पोरवाल के छपे एक साक्षात्कार के अनुसार प्रोजेक्ट के लिए इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) मदद कर रही है।

बैलून से जुड़े कैप्सूल से होगी स्पेस की सैर

कंपनी एक स्पेस कैप्सूल तैयार कर रही है। जिसका नाम SKAP-1 है। यह कैप्सूल 10 फीट लंबा और 8 फीट चौड़ा है। जिसे एक गुब्बारे की मदद से ऊपर ले जाने का प्लान है। बैलून कैप्सूल को 35 किलोमीटर ऊपर ले जाता है। 

टूरिस्ट पूरी तरह अंतरिक्ष में नहीं पहुंचेंगे, लेकिन उस ऊंचाई तक जरूर जाएंगे। जहां अंतरिक्ष में पृथ्वी का नजारा देख सकेंगे। कैप्सूल को नीचे लाने के लिए पैराशूट का सहारा लेना होगा।. 6 यात्री एक घंटे तक देखेंगे स्पेस का 

नजारा

– कैप्सूल में एक साथ 6 यात्री सैर कर सकते हैं। जिसमें लाइफ सेविंग और इन्फॉर्मेशन सिस्टम भी मौजूद होगा। इसे अंतरिक्ष में छोड़ने वाले गुब्बारे में हीलियम या हाइड्रोजन गैस डाली जाएगी। 4. कंपनी ने अभी ऐसा कहा जा रहा है कि एक घंटे के स्पेस टूर के लिए एक टिकट की कीमत 50 लाख रुपए के आसपास हो सकती है।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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