

2030 तक EV इंडस्ट्री भारत में कई जॉब्स लेकर आएंगी, जिसका सीधे फायदा युवाओं को होगा। दरअसल चालू वित्त वर्ष देश की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) इंडस्ट्री के लिए मील का पत्थर साबित होगा। सोसायटी ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स (SMEV) की मानें तो 2022-23 में EV की बिक्री 2021-22 के मुकाबले 84 फीसदी बढ़कर 10 लाख तक पहुंच जाएगी। इसमें दोपहिया और थ्री-व्हीलर बड़ी भूमिका निभाएंगे।
हाल ही में हुए तैयार हुए रिपोर्ट पर एक एखबार ने खबर छापी है, जिसके मुताबिक, इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री बीते वित्त वर्ष की तुलना में दोगुनी से भी ज्यादा करीब 7.5 लाख तक पहुंच सकती है। वहीं इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री लगभग डेढ़ गुना बढ़कर 45,000 से ऊपर निकल जाएगी। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 5 महीने में ही इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बीते साल हुई कुल बिक्री के 50% से ऊपर चली गई है।
हालांकि, दुनिया के कई देशों के मुकाबले कुल EV की बिक्री में भारत की हिस्सेदारी भल ही कम है। लेकिन 2030 तक देश की EV इंडस्ट्री में 1 करोड़ प्रत्यक्ष और लगभग 5 करोड़ अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होने की उम्मीद की जा रही है।
EV इंडस्ट्री में 15,000 करोड़ से ज्यादा निवेश का अनुमान
भारत में साल 2021 में PE/VC निवेशकों ने EV इंडस्ट्री में 13,500 करोड़ से ज्यादा निवेश किया है, 2022 की पहली छमाही में यह 5500 करोड़ से अधिक निवेश तक पहुंचा है। दूसरी छमाही के दौरान इसमें और तेजी की उम्मीद की जा रही है। इस लिहाज से वित्त वर्ष 2022-23 में देश की EV इंडस्ट्री में 15,000 करोड़ से ज्यादा निवेश होगा ऐसा माना जा रहा है।
बढ़ेंगे EV के शोरूम
EV के क्षेत्र में काम करने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि ‘EV मार्केट लगातार बढ़ रहा है। सरकारी नीतियों के अलावा आम लोगों में बढ़ती जागरूकता और EV इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार इसकी सबसे बड़ी वजह है। हर शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के शोरूम खुल रहे हैं। जो कि नौकरियों के लिहाज से काफी अच्छे संकेत हों।’
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