INS Vikrant: देश को मिल रहा स्वदेशी विमान वाहक पोत, जानें क्या है खासियत!



HIGHLIGHTS

• भारतीय नौसेना में शामिल हो रहा पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत
• भारतीय नौसेना को पीएम मोदी देंगे नया ध्वज
• INS Vikrant को बनने में लगे 13 साल

INS Vikrant: पीएम मोदी (PM Narendra Modi) कोच्चि से भारत में ही बने विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को नौसेना (Indian Navy) में शामिल कर रहे हैं। इस एयरक्राफ्ट कैरियर को मेक इन इंडिया के अंतर्गत तैयार किया गया है। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर शिप है। भारत से पहले दुनिया में सिर्फ पांच देशों ने 40 हजार टन से ज्यादा वजन वाला एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier) निर्माण किया है। आईएनएस विक्रांत का वजन 45 हजार टन बताया जा रहा है।

भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण दिन

भारतीय नौसेना के लिए 2 सितंबर का दिन काफी खास है। नौसेना को इस दिन अपना पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) मिल रहा है। केरल के कोचीन शिपयार्ड पर इसे तैयार किया गया है। विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत बढ़ेगी।

पीएम मोदी कार्यक्रम के दौरान नेवी के एक नए निशान (इनसाइन) का भी शुभारंभ करेंगे। यह समृद्ध भारतीय समुद्री धरोहर का प्रतीक के तौर पर होगा। नौसेना के नए डिजाइन में एक सफेद ध्वज है, जिस पर क्षैतिज और लंबवत रूप में लाल रंग की दो पट्टियां भी हैं। साथ ही, भारत का राष्ट्रीय चिह्न (अशोक स्तंभ) दोनों पट्टियों के मिलन बिंदु पर बना है।

INS Vikrant बनने में 13 साल लगे

INS Vikrant के निर्माण की शुरूआत फरवरी 2009 में हुई थी। अगस्त 2013 में पहली बार विक्रांत को पानी में उतारा गया। नवंबर 2020 में इस एयरक्राफ्ट कैरियर का बेसिन ट्रायल शुरू हुआ। इसके बाद जुलाई 2022 में इसका समुद्री ट्रायल पूरा किया गया। ट्रायल पूरा होने के बाद जुलाई 2022 में कोचीन शिपयार्ड ने इसे नौसेना को सौंप दिया गया। 20 हजार करोड़ की लागत बनी इस शिप के अलग-अलग पार्ट्स 18 राज्यों में बनाए गए हैं। इस एयरक्राफ्ट कैरियर में 76 फीसदी स्वदेशी सामान का इस्तेमाल किया गया है। ये जहाज एक टाउनशिप जितनी बिजली की आपूर्ति कर सकता है।

विशेष ग्रेड स्टील का उपयोग

INS Vikrant को बनाने में 21 हजार टन से ज्यादा विशेष ग्रेड स्टील का उपयोग हुआ है। इसमें 2,600 किलोमीटर से ज्यादा इलेक्ट्रिक केबल का उपयोद किया गया है। इसके साथ ही 150 किलोमीटर से ज्यादा पाइपलाइन भी उपयोग की गई है। इसकी ऊंचाई 61.6 मीटर यानी 15 मंजिला इमारत के जितनी है। वहीं लंबाई की बात करें तो ये 262.5 मीटर इसकी लंबाई है। इसमें 1600 क्रू मेंबर आराम से रह पाएंगे। इस जहाज में 2300 कंपार्टमेंट हैं। इस जहाज पर मिग-29 के लड़ाकू विमानों और केए-31 हेलिकॉप्टरों का एक बेड़ा तैनात होगा। इस शिप से एक साथ 30 विमान संचालित होंगे। इसकी अधिकतम गति 28 नॉट तक है।

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Dr. Kirti Sisodia

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