बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को ‘सोलर एक्सप्रेस-वे’ के रूप में किया जाएगा तैयार, सर्विस लेन के बीच खाली जगहों पर लगाए जाएंगे पैनल!

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं। इसके साथ ही हाइवे के रख-रखाव व सुविधाओं में भी कई काम किए जा रहे हैं। जिसके लिए उत्तरप्रदेश सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के तौर पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी पहल करने वाली है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में उच्च गुणवत्ता वाले हाइवे के निर्माण और रख-रखाव के साथ ही इसे नवीकरणीय ऊर्जा से जोड़ते हुए एक खास इनोवेशन किया जा रहा है।

Solar Expressway का विकास

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर ऊर्जा से लैस करने की पहल पर काम कर रही है। फिलहाल, यूपीडा द्वारा एक ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट’ का लेटर जारी हुआ है। इसके अनुसार, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सोलर एक्सप्रेस-वे में परिवर्तित करने के लिए एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई है। साथ ही पूरी योजना को पीपीपी मॉडल के अंतर्गत वृहद स्तर पर सोलर पैनल इंप्लांटेशन के जरिए आकार दिया जाएगा।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की पहचान बनेगी सौर ऊर्जा

यूपीडा के मुताबिक 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर ऊर्जा चालित एक्सप्रेस-वे के तौर पर विकसित करने की कार्ययोजना पर चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) के निर्देश पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार हो गई है। इसी के फलस्वरूप यूपीडा द्वारा एक ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट’ का लेटर जारी कर इच्छुक आवेदनकर्ताओं से आवेदन भी मांगे गए हैं।

साथ ही साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर एक्सप्रेस-वे के तौर पर विकसित करने व सोलर पैनल्स को इंपैनल करने के लिए निजी कंपनियों से आवेदन और सुझाव भी मांगे गए हैं। इसके लिए यूपीडा द्वारा 17 अगस्त दोपहर 3 बजे तक upeida2@gmail.com पर इच्छुक आवेदनकर्ता अप्लाई कर सकेंगे। प्राप्त आवेदनों में से चयनित आवेदनकर्ता को फिर आगे प्रेजेंटेशन देने के लिए बुलवाया जाएगा जिसके फाइनल होने पर सोलर पैनल लगाए जाने की प्रक्रिया की शुरुआत होगी।

सोलर पार्क होगा विकसित

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के सबसे आधुनिक औऱ सुविधा संपन्न एक्सप्रेस-वे में से एक है। इसे सौर ऊर्जा से चालित कर एक नई दिशा देने की काम किया जाएगा। खास बात ये है कि 4 लेन वाले इस 296 किमी लंबे हाइवे में मेन कैरियज वे व सर्विस लेन के तौर पर दो हिस्से शामिल हैं। इन्हीं दोनों के बीच लगभग 15 से 20 मीटर चौड़ाई की पट्टी वाला क्षेत्रफल पूरे एक्सप्रेस-वे में फिलहाल जगह बची है। इसे कृषि भूमि से अलग करने व बाड़ लगाने के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी क्षेत्र को सोलर पैनल्स से पाटने की योजना बनाई जा रही है। इससे पूरा एक्सप्रेस-वे सौर ऊर्जा से लैस एक्सप्रेस-वे की दिशा तय करने में सफलता हासिल करेगा।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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