Vaibhav Suryavanshi: भारत के क्रिकेट इतिहास में मंगलवार का दिन युवाओं के नाम रहा, 14 साल के उभरते हुए क्रिकेट स्टार वैभव सूर्यवंशी ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपना पहला शतक लगाकर इतिहास रच दिया, वो इस प्रतिष्ठित घरेलू टी20 टूर्नामेंट में शतक जड़ने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बल्लेबाज बन गए, वैभव की यह उपलब्धि भारतीय क्रिकेट के भविष्य की चमक को दिखाती है
शानदार रही पारी
ईडन गार्डन्स जैसे प्रतिष्ठित मैदान पर बिहार की ओर से खेलते हुए वैभव सूर्यवंशी ने महाराष्ट्र के गेंदबाजों को टिकने नहीं दिया, बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने केवल 61 गेंदों में नाबाद 108 रन ठोक दिए, उनकी पारी में सात चौके और सात लंबे छक्के शामिल रहे, वैभव की यह आक्रामक और धैर्यपूर्ण बल्लेबाज़ी ही बिहार को 20 ओवर में 176/3 तक पहुंचाने का बड़ा आधार बनी, रन बनाने की गति और स्ट्राइक रोटेशन ने दर्शकों को भी दंग कर दिया।
खिलाड़ी का अद्भुत आत्मविश्वास
वैभव सूर्यवंशी ने अपना शतक बेहद नाटकीय अंदाज में पूरा किया, पारी के आखिरी ओवर की पहली गेंद पर अर्शीन कुलकर्णी को चौका जड़कर उन्होंने 58 गेंदों में शतक पूरा किया, यह शतक इसलिए भी खास रहा क्योंकि वह पिछली तीन पारियों में केवल 14, 13 और 5 रन बनाकर आउट हुए थे, उभरते प्रतिभाशाली खिलाड़ी के लिए यह पारी आत्मविश्वास लौटाने वाली साबित हुई, इसी पारी ने दिखा दिया कि बड़ी पारी खेलने का हुनर उनमें कूट-कूट कर भरा है
टीम के लिए शानदार प्रदर्शन
टीम के लिए भी उनका प्रदर्शन बेहद महत्वपूर्ण रहा, तीसरे विकेट के लिए उन्होंने आकाश राज के साथ 70 रन की साझेदारी की, इसके बाद आयुष लोहारुका के साथ अविजित 75 रन की साझेदारी कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया, वैभव की बल्लेबाज़ी में भविष्य का स्टार नजर आया पारी को संभालने का हुनर और मौका मिलते ही बड़े शॉट्स खेलने की क्षमता दोनों मौजूद
बाएं हाथ के बल्लेबाजों का रहा दिन
2 दिसंबर का दिन सिर्फ वैभव का ही नहीं, बल्कि बाएं हाथ के बल्लेबाजों का रहा, अहमदाबाद में कर्नाटक के लिए ओपनिंग करते हुए देवदत्त पडिक्कल ने भी तमिलनाडु के खिलाफ तूफानी शतक जड़ा, उन्होंने केवल 26 गेंदों में अर्धशतक और 45 गेंदों में शतक पूरा किया, नाबाद 102 रन की अहम पारी में 10 चौके और छह छक्के शामिल रहे, उनकी बल्लेबाज़ी ने कर्नाटक को निर्धारित 20 ओवर में 245/3 जैसे विशाल स्कोर तक पहुंचाया
वैभव सूर्यवंशी और देवदत्त पडिक्कल दोनों की पारियां यह संदेश देती हैं कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है, युवा प्रतिभाएं लगातार घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं, बिहार और कर्नाटक दोनों टीमों के लिए यह पारियां निर्णायक साबित हुईं, खास तौर पर वैभव के लिए यह शुरुआत एक सुनहरे करियर की ओर पहला बड़ा कदम कही जा सकती है
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में इस तरह की पारियों ने यह साफ कर दिया कि आने वाले समय में कई युवा भारत की टीम में जगह बनाने की क्षमता रखते हैं, 14 साल के वैभव सूर्यवंशी का यह ऐतिहासिक शतक भारतीय क्रिकेट इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है, अब देखना दिलचस्प होगा कि यह युवा बल्लेबाज भविष्य में और कौन-से कीर्तिमान अपने नाम करते हैं

