WBC: टोक्यो में चल रही बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में मां-बेटे की अनोखी जोड़ी ने कमाल कर दिया। इस जोड़ी में 64 साल की मां स्वेतलाना और अपने 33 साल के बेटे मीसा खेल रहे हैं। जिन्होंने इजरायल की ओर से मिक्स डबल्स मुकाबला खेला, इस जोड़ी ने पहले मुकाबले में मिस्र के अदम हतेम एल्गामल और दोहा की टीम को 2-1 से मात दी।
इस जीत के बाद स्वेतलाना जिल्बरमैन बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप (WBC) में मैच जीतने वाली दुनिया की सबसे ज्यादा उम्र की बैडमिंटन खिलाड़ी बनी है्ं। बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में उनसे छोटे खिलाड़ी की उम्र 21 वर्ष है।
बेटे के साथ ओलिंपिक खेलना चाहती हैं जीत के बाद बोलीं स्वेतलाना
स्वेतलाना कहती हैं, अगले साल कोपेनहेगन में होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर वे अपना रिकॉर्ड और बेहतर करेंगी। इसके बाद उनका सपना अपने बेटे के साथ ओलिंपिक में खेलने का भी है। स्वेतलाना अपने बेटे की कोच भी हैं। जब उनके बेटे को कोई पार्टनर नहीं मिला तो वे खुद ही बैडमिंटन कोर्ट में उतरीं।
रोज 4 घंटे प्रैक्टिस करती हैं स्वेतलाना बेटा भी देता है साथ
25 वर्ष की उम्र में सोवियत यूनियन की तरफ से उन्हें इसलिए नहीं खेलने दिया गया, क्योंकि उनकी उम्र ज्यादा थी। जिसके बाद स्वेतलाना अपने पति और कोच के साथ इजरायल चली आईं। लगभग 4 दशक बाद वे दुनिया की सबसे बड़ी बैडमिंटन प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा उम्र की खिलाड़ी है्ं। वे अपने बेटे के साथ रोज 4 घंटे प्रैक्टिस में पसीना बहाती हैं।
बेटे मीसा को दी हिम्मत
स्वेतलाना का कहना है, कि वे चीन और दक्षिण कोरिया जैसी टीमों को हराने के लिए खेल के मैदान में उतर रहे हैं। और एक दिन वे कुछ बड़ा करेंगे। दुनिया के 47वें नंबर के खिलाड़ी मीसा का कहना है, कि उन्होंने 30 साल की उम्र में रिटायरमेंट के बारे में सोचा था लेकिन उनकी मां उनकी प्रेरणा बनीं। वे अब भी खेल रही हैं। और शायद यही वजह है कि मीसा भी कभी रिटायर नहीं होंगे।
इससे पहले 2009 में भी हैदराबाद में हुए बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में मां-बेटे की जोड़ी ने कमाल किया था। तब स्वेतलाना की उम्र 51 और मीसा की 20 वर्ष थी। बेलारूस में जन्मी स्वेतलाना ने 1986 की यूरोपियन चैंपियनशिप में वुमन सिंगल्स में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
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