Naina Dhakad: एक समय था जब छत्तीसगढ़ और बस्तर की पहचान जंगल और नक्सल हुआ करते थे। लेकिन अब यह कॉन्सेप्ट बदल रहा है। अब नक्सल प्रभावित गांव मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं। दूसरी तरफ बस्तर निकलकर लोग राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। ऐसी ही एक बस्तर की बेटी है नैना धाकड़। नैना एक माउंटेनीयर हैं। इनके नाम कई रिकॉर्ड और सम्मान दर्ज हैं।
कौन हैं नैना सिंह धाकड़?
छत्तीसगढ़ की माउंटेन गर्ल नाना सिंह धाकड़ बस्तर के एक छोटे से गांव टाकरागुड़ा की रहने वाली हैं। नैना पिछले 15 सालों से ट्रैकिंग कर रही हैं। 2021 में नैना ने 10 दिनों में माउंट एवरेस्ट पर 8848.86 मीटर की चढ़ाई पूरी की थी। इसके साथ ही उन्होंने चौथी सबसे ऊंची चोटी माने जाने वाली माउंट लहोत्से की 8 हजार 516 मीटर की चढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद से ही नैना को प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में पहचान मिली।
राष्ट्रपति से मिल चुका है पुरस्कार
नैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों “लैंड एडवेंचर” पुरस्कार मिल चुका है। यह सम्मान “तेजनिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार” के तहत दिया जाता है। यह पुरस्कार भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय प्रदान करता है। यह सम्मान, साहसिक खेलों के लिए दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च पुरस्कार है।
नैना ने बनाए हैं कई रिकॉर्ड
नैना के नाम पर्वतों पर कठिन चढ़ाई के कई रिकॉर्ड्स दर्ज हैं। नैना ने भूटान, नेपाल, उत्तराखंड, सिक्किम , लेह लद्दाख समेत 20 से भी ज्यादा ऊंची-ऊंची चोटियों पर चढ़ाई करने का रिकॉर्ड बनाया है। इतना ही नहीं नैना के नाम मोटरेबल खरदुला की 6 हजार मीटर की उंचाई पर साइकिलिंग करने का भी रिकॉर्ड है। खारदुंग दर्रा हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है जो लद्दाख के लेह में है।