India vs England Test: गिल ने रचा इतिहास, एजबैस्टन भारत को जीत!

India vs England Test: भारतीय क्रिकेट में एक नया इतिहास रचा गया है। बर्मिंघम के एजबैस्टन मैदान पर टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 336 रनों से हराकर न सिर्फ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में बराबरी की, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में विदेश में अपनी सबसे बड़ी जीत भी दर्ज की।

इस ऐतिहासिक जीत की कमान संभाल रहे थे कप्तान शुभमन गिल, जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों से ऐसा परफॉर्मेंस दिया जो हमेशा याद रखा जाएगा।

सबसे बड़ा योगदान

शुभमन गिल ने इस मैच में पहली पारी में दोहरा शतक (Double Century) और दूसरी पारी में शतक (Century) लगाकर कुल 430 रन बनाए। ये किसी भी भारतीय द्वारा एक टेस्ट में बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं।गिल की ये परफॉर्मेंस न सिर्फ आंकड़ों में बड़ी थी, बल्कि उन्होंने अपनी शांत और फोकस्ड कप्तानी से यह साबित कर दिया कि वे आने वाले वक्त के ‘लीडर इन ब्लू’ हैं।

बॉलर्स भी जीत के हीरो

जहां एक तरफ शुभमन गिल ने बल्ले से इंग्लैंड की नींव हिला दी, वहीं दूसरी ओर भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी दिन कमाल का काम किया।इंग्लैंड को 608 रनों का टारगेट मिला था, जो खुद में ही एक मेंटल बैरियर बन गया। जीत की उम्मीद छोड़कर इंग्लैंड सिर्फ मैच बचाने में लग गया। यही मौका था जब भारतीय गेंदबाजों ने एकजुटता और आक्रमण के साथ 271 रन पर इंग्लिश पारी समेट दी।

57 साल का इंतजार फिर इतिहास

भारत ने 1967 में पहली बार एजबैस्टन में टेस्ट खेला था, जहां मंसूर अली खान पटौदी की कप्तानी में टीम को हार मिली थी। इसके बाद 8 बार भारत यहां खेला, पर जीत दूर रही। कपिल देव की कप्तानी में सिर्फ 1986 में एक टेस्ट ड्रॉ हो पाया था।

लेकिन शुभमन गिल ने इस मैदान पर आते ही वो कर दिखाया, जो पटौदी, कपिल या विराट जैसे दिग्गज भी नहीं कर सके।

एक जीत, कई मायने

ये जीत विदेश में रनों के लिहाज़ से भारत की सबसे बड़ी टेस्ट जीत है। शुभमन गिल पहले ऐसे कप्तान बने जिन्होंने एजबैस्टन में भारत को जीत दिलाई। एक टेस्ट में 430 रन बनाकर उन्होंने खुद को बैटिंग मशीन की तरह प्रूव किया। गेंदबाजों का कॉम्बिनेशन दिखा कि भारत अब बैटिंग-बॉलिंग दोनों में बेस्ट है।

भारत को नया जोश

शुभमन गिल की यह जीत केवल एक टेस्ट मैच नहीं, बल्कि एक युग की शुरुआत है। वे सिर्फ बल्ले से नहीं, माइंडसेट से भी टीम को नई ऊंचाइयों की ओर ले जा रहे हैं। ये मैच सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, ये युवाओं की लीडरशिप का उदाहरण है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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