Drop-in Cricket Pitch क्या होती है जिस पर खेला जाएगा दूसरा टेस्ट?

Drop-in pitch: जो लोग टेस्ट क्रिकेट का आनंद लेते हैं, उन्हें पता होता है कि जब एक मैच WACA मैदान पर्थ में खेला जाए, तो उसका मतलब होता है कि गेंदबाजों के लिए यहाँ की पिच तेजी से मोड़ सकती है और बल्लेबाजों के लिए यहाँ की गेंदें अत्यधिक रफ्तार में आ सकती हैं। इस तरह के मैचों में, अधिकांश बार जितने वाली टीम को बल्लेबाजों के लिए यह अधिक फायदेमंद होता है।

क्रिकेट के खेल में पिच का महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह खेल के नियमों, खिलाड़ियों की रणनीति, और मैच के परिणाम पर गहरा प्रभाव डालती है। आमतौर पर, पिच को मैदान के बीच में स्थायी रूप से बनाया जाता है, लेकिन Drop-in pitch इस परंपरा से अलग है।

क्या होती हैं ड्रॉप-इन पिचें (Drop-in pitch)?

ड्रॉप-इन पिचें वे पिचें होती हैं जो मैदान या वेन्यू के बाहर कहीं बनाई जाती हैं और बाद में स्टेडियम में लाकर बिछा दी जाती हैं। इसके द्वारा एक ही मैदान को कई विभिन्न प्रकार के खेलों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।

इन पिचों का पहला आविष्कार पर्थ WACA के क्यूरेटर जॉन मैले द्वारा किया गया था, जिन्हें साल 1970 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई कारोबारी केरी पैकर की आयोजना वर्ल्ड सिरीज़ क्रिकेट के मैचों के लिए की गई थी। इन पिचों का महत्व इस बात में था कि वे ऐसे जगहों पर बनाई गई थीं जो क्रिकेट के प्रमुख क्षेत्रों से दूर थे और इस तरह के खेल को प्रोत्साहित किया जा सकता था।

इन पिचों का वजन लगभग 30 टन होता है, जबकि उनकी लंबाई करीब 24 मीटर होती है और चौड़ाई तीन मीटर तथा गहराई 20 सेंटीमीटर होती है। ये पिचें स्टील फ्रेम में बंधी होती हैं और सिंगल स्लैब की तरह ट्रांसपोर्ट की जा सकती हैं। इनकी विशेषता यह है कि इन्हें StrathAyr Drop-In Portable Cricket Wicket टेक्नोलॉजी के माध्यम से बनाया जाता है, जो इतनी भारी और व्यापक होती है कि पिच को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।

कैसा होती है पिच का मिजाज़?

पिच का मिजाज़ खेल के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह खेल की स्थिति, मौसम और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। जब पिच पर पांच दिनों तक क्रिकेट मैच खेला जाता है, तो शुरुआती दो दिनों में असामान्य उछाल के कारण गेंदबाज़ और फिरकी को मदद मिलती है, और बाद में बल्लेबाज़ को भी पर्याप्त मौका मिलता है।

ड्रॉप-इन पिचों की खासियत यह है कि इन्हें मैच शुरू होने से महज़ 24 घंटे पहले फिट किया जा सकता है, और मैच के बाद कुछ ही देर में हटाया जा सकता है। यह सिद्ध करता है कि पिच संदर्भ में सुगमता और संवेदनशीलता दोनों को समान ध्यान में रखता है।

मैदान में क्या ख़ास?

मैदान में कई ख़ासीयतें होती हैं। इस टेस्ट सिरीज़ के लिए, गाबा एकमात्र मैच करने वाला ग्राउंड है, जिसमें तेज़ और बाउंसी पिच हो सकती है। मैदान का निर्माण इस तरह से किया गया है कि समुद्री हवा गेंदबाजों की मदद ना करे, लेकिन पिच क्यूरेटर का कहना है कि यहां की पिच स्विंग गेंदबाजों के लिए अत्यंत उपयुक्त है।

पिच क्यूरेटर की भूमिका से संबंधित जानकारी के अनुसार, वे मैदान में या उसके बाहर किसी भी स्थिति में पिच की देखभाल करते हैं। वे मौसम और अन्य परिस्थितियों का भी ध्यान रखते हैं, विशेष रूप से ड्रॉप-इन पिचों के मामले में, जहां मौसम, बादलों का असर और हवा का तत्व भी महत्वपूर्ण होता है।

Drop-in pitch के फायदे:

  1. बहु-उपयोगिता: एक ही स्टेडियम को विभिन्न खेलों के लिए उपयोग करने की सुविधा।
  2. स्थिरता: पिच की गुणवत्ता और विशेषताओं को नियंत्रित करने में आसानी।
  3. संरक्षण: मैदान के अन्य हिस्सों को नुकसान से बचाना।

Drop-in pitch का भविष्य: ड्रॉप-इन पिच का उपयोग विश्व क्रिकेट में बढ़ रहा है। अमेरिका में टी20 विश्व कप 2024 के लिए भी इस प्रकार की पिचों का इस्तेमाल किया जाएगा। यह दर्शाता है कि ड्रॉप-इन पिच क्रिकेट के भविष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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