Dipa Karmakar Retirement: पहली भारतीय महिला ओलंपिक जिमनास्ट रिटायर

Dipa Karmakar Retirement: भारत की जानी-मानी महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर ने खेल की दुनिया को अलविदा कह दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने इसे काफी सोच-विचार कर लिया है। दीपा ने अपने संन्यास पत्र में भावुक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अपनी जिमनास्टिक यात्रा को याद किया और बताया कि कैसे जिमनास्टिक उनके जीवन का एक अहम हिस्सा रहा है। दीपा करमाकर का नाम भारतीय खेल इतिहास में हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।

रियो ओलंपिक में रचा था इतिहास

दीपा करमाकर का नाम जिमनास्टिक में तब सबसे ज्यादा चर्चित हुआ, जब उन्होंने रियो ओलंपिक 2016 में प्रोडुनोवा वॉल्ट के जरिए पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा। उस प्रतियोगिता में भले ही वह मेडल जीतने से चूक गईं और चौथे स्थान पर रहीं, लेकिन उन्होंने अपने अद्भुत प्रदर्शन से भारतीय खेल प्रेमियों के दिलों में खास जगह बना ली थी। प्रोडुनोवा वॉल्ट का कठिनतम प्रदर्शन करते हुए उन्होंने अपनी हिम्मत और साहस का परिचय दिया, जिसे विश्वभर में सराहा गया। ओलंपिक में उनकी इस प्रस्तुति ने भारत में जिमनास्टिक को एक नई पहचान दी और युवा जिमनास्टों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं।

जिमनास्टिक चैंपियनशिप में आखिरी गोल्ड

दीपा ने अपने करियर की आखिरी प्रतियोगिता ताशकंद में आयोजित एशियाई महिला जिमनास्टिक चैंपियनशिप में खेली थी, जहां उन्होंने देश के लिए गोल्ड मेडल जीता। अपनी इस जीत को उन्होंने अपने करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया। दीपा ने लिखा कि यह जीत इसलिए खास थी, क्योंकि तब तक वह मानती थीं कि वह अपने शरीर को और आगे बढ़ा सकती हैं, लेकिन कभी-कभी हमारा शरीर हमें आराम करने के लिए कहता है, भले ही दिल सहमत न हो। यह जीत उनके शानदार करियर का बेहतरीन समापन रही।

कोचिंग के क्षेत्र में आजमाएंगी हाथ

दीपा करमाकर ने अपने कोच बिश्वेश्वर नंदी और सोमा मैम का खासतौर पर जिक्र करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा कि इन दोनों कोचों के मार्गदर्शन ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया और उनकी सबसे बड़ी ताकत बनने में मदद की। इसके अलावा, उन्होंने त्रिपुरा सरकार, जिमनास्टिक्स फेडरेशन, भारतीय खेल प्राधिकरण, गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन और मेराकी स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनके सफर के हर चरण में साथ दिया।

जिमनास्टिक से जुड़ी रहेंगी

अपने संन्यास की घोषणा करते हुए दीपा ने यह भी संकेत दिया कि उनका जिमनास्टिक से नाता कभी नहीं टूटेगा। वह इस खेल को कुछ वापस देना चाहती हैं, शायद कोचिंग के जरिए या युवा जिमनास्टों को मार्गदर्शन देकर। दीपा ने लिखा, “आज उस छोटी दीपा को देखकर मुझे गर्व महसूस होता है, क्योंकि उसमें सपने देखने का साहस था। अब मैं इस खेल को कुछ वापस देना चाहती हूं, जिससे मेरी जैसी और लड़कियां भी अपने सपनों को साकार कर सकें।”

नए सफर की शुरुआत

दीपा करमाकर का यह सफर भले ही एक एथलीट के तौर पर समाप्त हो रहा है, लेकिन उनकी नई यात्रा अब कोचिंग और जिमनास्टिक के विकास में योगदान देने की दिशा में शुरू होने वाली है। दीपा का संन्यास सिर्फ एक अध्याय का अंत नहीं है, बल्कि भारतीय खेल क्षेत्र के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत भी है, जहां वह अपनी प्रतिभा और अनुभव से नई पीढ़ी को प्रेरित करेंगी।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Owner/Editor In Chief: Dr.Kirti Sisodia 

Office Address: D 133, near Ram Janki Temple, Sector 5, Jagriti Nagar, Devendra Nagar, Raipur, Chhattisgarh 492001

Mob. – 6232190022

Email – Hello@seepositive.in

FOLLOW US​

GET OUR POSITIVE STORIES

Uplifting stories, positive impact and updates delivered straight into your inbox.