Bastar Olympics 2025: छत्तीसगढ़ का बस्तर डिवीज़न एक बार फिर खेल और सामाजिक एकता के एक अनूठे उत्सव के लिए तैयार है। बस्तर ओलंपिक 2025, जो 11 से 13 दिसंबर तक जगदलपुर में आयोजित होगा, इस क्षेत्र के लिए महज़ एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि शांति, प्रगति और मुख्यधारा में वापसी का एक मजबूत संदेश है।
यह आयोजन बस्तर डिवीज़न के सभी सात ज़िलों- कांकेर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर और कोंडागांव के सैकड़ों एथलीटों को एक मंच पर लाएगा। इन एथलीटों ने ब्लॉक और जिला स्तर पर कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद डिवीज़न-लेवल के इस फ़ाइनल में अपनी जगह बनाई है। यह आयोजन बस्तर की समृद्ध खेल प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने का एक बड़ा अवसर है।
‘नुआ बाट’
इस साल के बस्तर ओलंपिक की सबसे ख़ास बात और केंद्रबिंदु (Centerpiece) है “नुआ बाट” (Nua Baat) टीम। इस टीम में सरेंडर कर चुके नक्सली और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के सदस्य शामिल होंगे, जिनकी संख्या 600 से अधिक होने की उम्मीद है।
“नुआ बाट” का शाब्दिक अर्थ होता है “नया रास्ता”। यह टीम सिर्फ एक खेल दल नहीं है, बल्कि यह बस्तर में शांति प्रक्रिया की सफलता का जीवंत प्रमाण है। यह उन लोगों को समाज से जुड़ने, अपनी प्रतिभा दिखाने और अपने जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने का मौका देता है, जो कभी हिंसा के रास्ते पर थे या उससे पीड़ित थे। बस्तर के IG सुंदरराज पी. के अनुसार, इन एथलीटों की भागीदारी न केवल उनका हौसला बढ़ाएगी, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए एक सकारात्मक माहौल भी प्रदान करेगी। खेल के मैदान पर उनकी उपस्थिति यह दर्शाएगी कि परिवर्तन संभव है और खेल वास्तव में एक शक्तिशाली माध्यम बन सकता है।
संगठनात्मक ढांचा और चयन प्रक्रिया
बस्तर ओलंपिक का आयोजन एक सुव्यवस्थित तीन-स्तरीय प्रक्रिया के तहत किया गया है, जिसने जमीनी स्तर से प्रतिभाओं को निखारा है:
- ब्लॉक-लेवल कॉम्पिटिशन, शुरुआती दौर में, एथलीटों ने अपने-अपने ब्लॉक में प्रतिस्पर्धा की।
- डिस्ट्रिक्ट-लेवल कॉम्पिटिशन, ब्लॉक स्तर से चयनित खिलाड़ी जिला स्तर पर भिड़े।
- डिवीज़न-लेवल फाइनलिस्ट, अब, जिला स्तर के विजेताओं को जगदलपुर में होने वाले फ़ाइनल के लिए चुना गया है।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, जिला प्रशासन ने एथलीटों के लिए एक बड़ा समर्थन दिया है। एथलीटों के रहने, खाने और यात्रा सहित उनका पूरा खर्च जिला प्रशासन द्वारा वहन किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक बाधाएँ किसी भी प्रतिभाशाली खिलाड़ी को आगे बढ़ने से न रोकें। यह पहल स्थानीय प्रशासन की खेलों को बढ़ावा देने और दूरदराज के क्षेत्रों की प्रतिभाओं को सामने लाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पारंपरिक से आधुनिक तक
बस्तर ओलंपिक में सिर्फ आधुनिक खेल ही नहीं, बल्कि बस्तर की मिट्टी से जुड़े पारंपरिक खेल भी शामिल किए गए हैं। यह समावेशी मिश्रण एथलीटों को अपनी बहुमुखी प्रतिभा दिखाने का मौका देता है,
- टीम खेल, कबड्डी, हॉकी, वॉलीबॉल
- एथलेटिक्स, दौड़ (रनिंग)
- फोकस्ड स्किल्स, तीरंदाजी (Archery), बैडमिंटन
- पारंपरिक बल प्रदर्शन, रस्साकशी (Tug-of-War)
खेलों का यह विविधतापूर्ण चुनाव सुनिश्चित करता है कि हर तरह के एथलेटिक टैलेंट को पहचान मिले।
हाई-प्रोफाइल समापन समारोह
इस महत्वपूर्ण आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए, सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्लोजिंग सेरेमनी में शामिल हो सकते हैं। एक केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति न केवल इस इवेंट को राष्ट्रीय पहचान देगी, बल्कि यह भी साबित करेगी कि केंद्र सरकार बस्तर के विकास और शांति प्रयासों को कितना महत्व देती है। अमित शाह की उपस्थिति “नुआ बाट” टीम और बस्तर के एथलीटों के लिए एक बड़ी प्रेरणा का स्रोत होगी।
संक्षेप में, बस्तर ओलंपिक 2025 महज़ एक खेल प्रतियोगिता नहीं है; यह खेल, समुदाय और शांति के माध्यम से एक सशक्त और समावेशी बस्तर के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

