95 वर्षीय स्प्रिंटर दादी ने जीता 9वीं वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स इंडोर चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक



Bhagwani Devi Dagar: भगवानी देवी डागर (Bhagwani Devi Dagar) भारत का जाना-पहचाना नाम हैं। इनके जोश से आज हर कोई प्रेरणा ले रहा है। भारत की स्प्रिंटर दादी के नाम से मशहूर 95 वर्षीय भगवानी देवी डागर ने एक बार फिर भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया है। उन्होंने टोरून, पोलैंड में आयोजित 9वीं वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स इंडोर चैंपियनशिप में 3 गोल्ड मेडल जीते। जब वे भारतीय ध्वज लपेटे हुए गले में लटके हुए तीन चमकदार स्वर्ण पदकों के साथ भारतीय धरती पर उतरीं तो दिल्ली हवाईअड्डे से बाहर भीड़ ने उनका हौसला बढ़ाया, उन्हें उठा लिया, मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया और उन्हें प्यार से अभिभूत किया।

उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा “मुझे बहुत बढ़िया लग रहा है कि ये अपने देश के लिए कुछ कर पाई हूं” एथलीट ने टोरून में 60 मीटर दौड़, शॉट पुट और डिस्कस थ्रो में स्वर्ण भारत के नाम किया। पिछले साल, भी फ़िनलैंड के टाम्परे में आयोजित वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में, भगवानी देवी ने 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक और शॉट पुट और डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक जीता था।

भगवानी देवी डागर के बारे में

हरियाणा में 1928 में भगवानी देवी का जन्म खेड़का गांव में हुआ था। वे बचपन में गांव की लड़कियों के साथ कबड्डी खेलती थीं। भगवानी देवी कभी स्कूल नहीं गई और 12 साल की उम्र में उनका विवाह विजय सिंह से कर दी गई, जो दिल्ली के पास मलिकपुर गाँव के रहने वाले थे। उन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष देखा है। 2 बच्चों और पति को मृत्यु को करीब से देखने वाली भगवानी कभी पूरी तरह से टूट चुकी थीं। लेकिन उन्होंने आगे बढ़ने के बारे में सोचा और अपने बेटे हवा सिंह डागर के साथ रहने उनके पास आ गईं। उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए खेतों में मजदूरी की। उनकी मेहनत से उनका बेटा पढ़-लिख गया और अस्सी के दशक में दिल्ली नगर निगम में बतौर क्लर्क सरकारी नौकरी हासिल की।

अपने प्रोफेशनल खेल की शुरूआत भगवानी देवी ने 94 साल की उम्र में की। इस दौड़ से उनका परिचय पिछले साल ही उनके पोते विकास डागर ने करवाया जो एक पैरा-एथलीट और खेल रत्न पुरस्कार विजेता हैं। भगवानी देवी और उनका पोता अब दिल्ली में साथ रहते हैं।

अब उनका अगला लक्ष्य फिलीपींस में नवंबर में एशियाई मास्टर्स चैंपियनशिप में पदक जीतना है। वह एशियाई चैंपियनशिप में दादी पहली बार प्रतिस्पर्धा करेंगी।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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