Ram Mandir Pran Pratishtha: पवित्र नदियों से जल पहुंचे अयोध्या, अभिषेक से लेकर प्राण प्रतिष्ठा में होगा इस्तेमाल!

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्‍ठा की तैयारी अब जोरों पर है। जैसे-जैसे 22 जनवरी पास आ रहा है वैसे-वैसे राम नाम की गूंज और जोरों से सुनाई दे रही है। आमंत्रण, सजावट, कलश, मिट्टी, प्रसाद और जल जैसी कई चीजें Mandir Pran Pratishtha के लिए आ रही है। ये सभी सामानें हर राज्यों के अलग-अलग महत्ता के साथ पहुंच रही है। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए अब उत्तराखंड से भी एक खास प्रकार का गंगा जल अयोध्या भेजा गया है। जानतें हैं इस जल की क्या विशेष मान्यता है। 

हरकीपैड़ी ब्रह्मकुंड का जल है खास 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भगवान श्रीराम के बालस्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा के लिए हरिद्वार के हरकीपैड़ी ब्रह्मकुंड से कलशों में गंगा जल अयोध्या के लिए भेजा है। मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए खुद ही सारी तैयारियां की वो 15 जनवरी को ही हरकीपैड़ी पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री ने मां गंगा की पूर्जा अर्चना कर फिर मंत्रोच्चारण के बीच मां गंगा का पवित्र जल लेकर अयोध्या के लिए भेजा।

अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा का रंग हरकीपैड़ी में भी नजर आ रहा था। यहां भगवान राम के लिए जल भेजने को बड़े पैमाने पर श्रद्धालु पहुंचे थे। खास बात ये रही कि जल लेने के दौरान आकाश से हेलिकॉप्टर के द्वारा पुष्पवर्षा भी की गई। कई घंटों तक पूरा हरकीपैड़ी क्षेत्र जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज रहा था। 

Ayodhya Junction

क्यों खास है ब्रह्मकुंड का गंगा जल? 

ब्रह्मकुंड घाट को लेकर कई मान्यताएं हैं। इनमें से एक है कि सबसे पहले राजा श्वेत द्वारा ब्रह्माजी को तपस्या से प्रसन्न कर यहां विराजमान होने के लिए वरदान मांगा गया था, जिसमें सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी यहां पर विराजमान हुए और इस कारण इसका नाम ब्रह्मकुंड घाट पड़ा। वहीं एक और मान्यता के अनुसार भगीरथ द्वारा घोर तपस्या यहां पर की गई जिसमें मां गंगा भगवान विष्णु के चरणों से ब्रह्मा के कमंडल, कमंडल से भगवान शिव की जटाओं और उनकी जटाओं से धरती लोक पर पहाड़ियों से होते हुए सबसे पहले मैदानी क्षेत्र हरिद्वार में उतरी थीं। एक और मान्यता कहती है कि यहां देव-दानवों में समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत कलश के लिए युद्ध किया गया, जिसमें से अमृत की बूंदें छलक कर सबसे पहले हरिद्वार में आ गिरीं थीं। यही वजह है कि यहां के जल को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। इतनी पवित्र होने की वजह से ही यहां के जल से अयोध्या में भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में अभिषेक किया जाएगा। 

28 नदियों का पानी पहुंचा अयोध्या 

भगवान श्री राम के अभिषेक के लिए जहां ब्रह्मकुंड का गंगा जल लाया गया है वहीं दूसरी तरफ 28 पवित्र नदियों का जल भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंगवाया गया है। साथ ही मंदिर में गेस्ट के रूप में आने वाले मेहमानों को अयोध्या की मिट्टी के साथ ही सरयू नदी का पानी उपहार स्वरूप भेंट किया जाएगा। 

Positive सार

जल को भारतीय पुराणों और संस्कृति में पूज्यनीय माना गया है और जब बात गंगा नदी की हो रही हो तो ये पौराणिक, धार्मिक और आध्यात्मिक सब हो जाता है। भगवान राम के लिए हर कोने से कुछ न कुछ जरूर भेजा जा रहा है ऐसा में ब्रह्मकुंड का जल राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को और भी खास और पवित्र बना देगा।

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Rishita Diwan

Content Writer

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