Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार हर भारतीय को है। 22 जनवरी 2024 को होने वाला ये पवित्र कार्यक्रम इतिहास में अमर हो जाएगा। भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूरे रीति रिवाज का पालन किया जा रहा है। जिसके लिए मंदिर के प्रांगण में दो मंडपों का निर्माण हो रहा है। इस पवित्र मंडप में 9 पवित्र हवन कुंड बनाए जाएंगे। खास बात ये है कि इन 9 कुंडों को बनाने के लिए शास्त्रीय विधि का पालन किया जाएगा। इसमें 8 कुंड आठ दिशाओं में स्थापित होंगे, जबकि एक कुंड आचार्य के लिए बनाया जाएगा। भगवान राम मंदिर के सामने की भूमि पर इन कुंडों का निर्माण किया जा रहा है। ये सभी कुंड अलग-अलग और खास हैं।
शुभ फलों की प्राप्ति के लिए बनाए गए हैं 8 कुंड
हवन कुंड के निर्माण में आकार, लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई और गहराई का खास तरह से ध्यान रखा गया है। शास्त्रीय पद्धति को ध्यान में रखते हुए आठ दिशाओं के लिए आठ हवन कुंड तैयार किए जा रहा हैं। मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं, बता दें कि पूजन प्रकिया 16 जनवरी से ही विधि-विधान से शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा की पूजा देशभर के 121 पंडित पूरा करवाएंगे।
पवित्र चीजों से तैयार होगा हवन कुंड
प्राण प्रतिष्ठा के लिए जो पवित्र कुंड बनाए गए हैं उनके लिए शास्त्रीय तरीके और पवित्र चीजों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन 9 हवन कुंड को बनाने के लिए ईंट, बालू, मिट्टी, गोबर, पंचगव्य और सीमेंट जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हर कुंड में तीन सीढ़ियां बनाई जाएंगी। जिसमें सबसे ऊपर की सफेद सीढ़ी विष्णु जी के लिए बनाई जा रही है, मध्य की लाल सीढ़ी भगवान ब्रह्मा के लिए और सबसे अंतिम सीढ़ी भगवान रुद्र के आह्वान के लिए तैयार की गई है। तीनों सीढ़ियां 4 इंच की रहेगी और प्रत्येक कुंड की लंबाई, चौड़ाई और गहराई 25.5 इंच रखी जाएगी।
9 हवन कुंडों का है खास उद्देश्य
हर कुंड का आकार और उद्देश्य अलग-अलग होगा। कुंडों के आकार और उद्देश्य को इस तरह से परिभाषित किया जा रहा है। जिसमें- वृत्ताकार शांति के लिए, अर्धचंद्राकार कल्याण के लिए, पद्म स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि के लिए, चतुर्स्त्र सर्वसमृद्धि के लिए, त्रिकोण शत्रु पर विजय के लिए, योनि संपत्ति के लिए, षटकोण शत्रु नाश के लिए और अष्टकोण उत्तम स्वास्थ्य के लिए होगा। कुंडों की ज्योमेट्री एक साइंस है, जिससे शुभ फलों को प्राप्त किया जाएगा। इन सभी कुंडों के निर्माण में लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई और गहराई का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
दिशा | हवन कुंड | उद्देश्य |
पूर्व | चौकोर कुंड | सर्व सिद्धि दायक |
आग्नेय | योनि कुंड | पुत्र प्राप्ति और कल्याण |
दक्षिण | अर्धचंद्राकार कुंड | कल्याणकारी |
नैऋत्य | त्रिकोण कुंड | शत्रु नाश के लिए |
पश्चिम | वृत्ताकार कुंड | सुख-शांति के लिए |
वायव्य | षडस्त्र कुंड | मारण और उच्छेद |
उत्तर | पद्म कुंड | वर्षा के लिए |
ईशान | अष्टासत्र कुंड | आरोग्य के लिए |
ईशान और पूर्व के मध्य | आचार्य कुंड | समस्त सुखों के लिए |
मंडपों की खासियत
भगवान राम के मुख्य मंदिर के सामने 45-45 हाथ के 2 मंडप का भी निर्माण किया जाएगा। एक मंडप में श्रीगणेश और राम जी के पूजन से लेकर पूरे विधान और पूजन कार्य किए जाएंगे। वहीं दूसरे मंडप में रामजी के विग्रह से जुड़े संस्कार पूरे होंगे।
Positive सार
भगवान राम के मंदिर के लिए अयोध्या के साथ ही पूरा देश तैयार हो चुका है। इंतजार सिर्फ 22 जनवरी का हो रहा है। ऐसे में ये रिचुअल्स, पूजा-विधान और सभी कुछ इतिहास में सदैव याद रखा जाएगा और आज की जनरेशन इसकी साक्षी होगी।