West Management: बस्तर की महिलाएं कैसे बन रही हैं आत्मनिर्भर?

West Management: बस्तर की महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो रही हैं और इनमें उनकी मदद कर रही है स्थानीय प्रशासन। जी हां बस्तर में वेस्ट मैनेजमेंट से सैकड़ों महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। साथ ही शहरों के कूड़े का प्रबंधन (West Management)भी सुचारू रूप से चल रहा है। मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी और मटेरियल रिसाइकिल सेंटर्स ने बस्तर की महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। बस्तर की इस वेस्ट मैनेजमेंट स्किम ने दूसरे राज्यों के लिए सस्टेनेबल अर्बन मॉडल भी तैयार किया है।

West Management पर जिला प्रशासन ने की पहल

जिले में यह बड़ा बदलाव जिला प्रशासन की पहल से आया है। जिला प्रशासन ने समृद्धि के नाम से मटेरियल रिकवरी फैसिली सेंटर साथ ही सिरी नाम से मटेरियल रिसाइक्लिंग सेंटर बनाया। इतना ही नहीं सेंटर्स में काम के लिए महिलाओं को रखा गया। वेस्ट मटेरियल की रिसाइकलिंग कर अब बस्तर नगर निगम लाखो का रेवेन्यू जनरेट कर रही है।

300 से ज्यादा महिलाएं जुड़ीं

आपको बता दें इन सेंटर्स की शुरुआत 2023 में 54 महिलाओं के साथ की गई थी। वहीं आज यहां 300 से ज्यादा महिला कर्मचारी काम कर रही हैं। इतना ही नहीं ग्रामीण इलाकों में भी महिलाएं सफाई मित्री के रूप में काम कर रही हैं। पहले 30 गांवों में 170 महिलाएं सफाई मित्री थीं लेकिन समृद्धि और सिरी सेंटर बनने के बाद अब और भी महिलाएं जुड़ गई हैं। इस तरह से अब 400 से ज्यादा सफाई मित्र इस काम में हाथ बटा रही हैं।

इन सेंटर्स में कैसे होता है काम?

मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी में काम कर रही महिलाएं पेपर वेस्ट को बारीक काटकर रिसाइकल किया जाता है। वहीं प्लास्टिक के कचरे को बंडल बनाकर प्लास्टिक रिसाइकल करके सामान बनाने वालों को दे दिया जाता है। वहीं MRC यानी मटेरियल रीलाइकल सेंटर में 4 प्रकार के प्लास्टिक को रीसाइकिल करके प्लास्टिक कंपनियों को कच्चे माल के तौर पर बेच दिया जाता है। इस तरह से नगर निगम को फाइनेंशियली सपोर्ट भी मिलता है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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