Vivekananand Rock Memorial: भारत के ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। इन दिनों विवेकानंद रॉक मेमोरियल की चर्चा काफी हो रही है। वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां पर ध्यान लगाना। दरअसल लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) अपने आखिरी पड़ाव की तरफ है और प्रचार थमने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 30 मई की शाम को तमिलनाडु के कन्याकुमारी पहुंचकर प्रधानमंत्री विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे के ध्यान में लीन हो गए। जानते हैं ध्यान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी जगह को क्यों चुना और क्यों खास है रॉक मेमोरियल
स्वामी विवेकानंद से है रिश्ता
कन्याकुमारी वही जगह है जहां पर स्वामी विवेकानंद को भारत माता के दर्शन हुए। जिस तरह से गौतम बुद्ध के लिए सारनाथ का विशेष महत्व वाला स्थान था उसी तरह स्वामी विवेकानंद के जीवन पर यहां मौजूद शिला का बड़ा प्रभाव पड़ा। स्वामी विवेकानंद सभी जगहों पर घूमने के बाद यहां पहुंचे और तीन दिनों तक ध्यान में लगे रहे। यहीं से स्वामी विवेकानंद ने ‘विकसित भारत’ का सपना देखा था। रॉक मेमोरियल स्मारक हिंदू दार्शनिक-संत को श्रद्धांजलि देने के लिए बनवाया गया।
कहां मौजूद है रॉक मेमोरियल?
कन्याकुमारी के तट पर तमिल संत तिरुवल्लुवर की अखंड प्रतिमा स्थापित है। यहीं पर मौजूद इस चट्टान को प्राचीन काल से ही पवित्र स्थान माना गया है। विवेकानंद रॉक मेमोरियल समिति ने इसे बनवाया था। रॉक मेमोरियल को स्वामी विवेकानंद की 24, 25 और 26 दिसंबर 1892 को ध्यान और ज्ञान प्राप्ति की याद के लिए “श्रीपद पराई” की यात्रा के रूप में बनवाया।
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क्यों खास है विवेकानंद रॉक मेमोरियल?
- विवेकानंद रॉक (Vivekananand Rock Memorial) तमिलनाडु के कन्याकुमारी में समुद्र में स्थित एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है।
- ये स्थान जमीन तट से करीब 500 मीटर अंदर समुद्र में दो चट्टानों के ऊपर बना है।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह रहे एकनाथ रानडे ने विवेकानंद शिला पर विवेकानंद स्मारक मंदिर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- 2 सितंबर 1970 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. वीवी गिरि ने इसका उद्घाटन किया।
- अप्रैल में पड़ने वाली चैत्र पूर्णिमा यहां खास होती है। दरअसल इस दिन यहां चन्द्रमा और सूर्य दोनों एक साथ आमने-सामने दिखाई देते हैं।
- इस स्मारक का प्रवेश द्वार अजंता और एलोरा गुफा मन्दिरों की तरह है। जबकि इसका मण्डपम बेलूर (कर्नाटक) के श्री रामकृष्ण मन्दिर जैसा दिखाई देता है।